मोदी ने फिर कही 'मन की बात', कहा जमीन अधिग्रहण बिल पर नया अध्यादेश नहीं
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 11वीं बार मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया है। पीएम मोदी ने रेडियो के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए लोगों को ओणम और रक्षाबंधन की बधाईयां दी और लोगों से रक्षाबंधन पर बहनों को जीवन सुरक्षा योजना तोहफे के जौर पर देने की अपील की।
'मन की बात' की के खास अंश
जन-धन योजना को एक वर्ष पहले हाथ में लिया गया था। मन में उस वक्त कई सवाल थे लेकिन आज संतुष्टि है।
पटेल समुदाय की आरक्षण की मांग पर पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात की घटना ने देश को दुख से भर दिया। उन्होंने कहा कि जब गांधी और पटेल की धरती पर ऐसा कुछ होता है तो पूरा देश शोक से भर जाता है।
पीएम ने कहा कि मुझे विश्वास है कि सूफी परंपरा जो प्रेम से, उदारता से जुड़ा हुआ है वो, इस संदेश को दूर-दूर तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि हम किसी भी संप्रदाय को क्यों न मानते हों, लेकिन, कभी सूफी परम्परा को जरूर समझना चाहिए।
मन की बात में मोदी ने कहा कि भारत में, विश्व के कई देशों के बौद्ध परंपरा के विद्वान बौद्धगया आने वाले हैं, और मानवजात से जुड़े वैश्विक विषयों पर चर्चा करने वाले हैं।
भूमि अधिग्रहण बिल पर पीएम ने कहा कि इस विषय में सरकार का मन खुला है। किसानों के हित के किसी भी सुझाव को मैं स्वीकार करने के लिए तैयार हूं।
पीएम ने कहा कि मुझे, मेरे किसान भाइयों-बहनों को बताना है कि भूमि अधिग्रहण बिल में सुधार की बात राज्यों की तरफ से आई।
अगर हमें गांवों में विकास करना है तो हमें अफसरशाही के चंगुल से, कानून को निकालना पड़ेगा और इसलिए सुधार का प्रस्ताव आया था।
पीएम ने कहा कि भूमि अधिग्रहण ऑर्डिनेंस की सीमा समाप्त हो रही है, मैंने तय किया इसे समाप्त होने दिया जाए। 13 बिंदुओं को, हम नियमों के तहत लाकर आज ही लागू कर रहे हैं ताकि किसानों को नुकसान न हो।
पीएम ने आगे कहा कि जय-जवान, जय-किसान ये नारा नहीं है, बल्कि हमारा मंत्र है।