रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने चीन और पाकिस्तान के लिए इस इजरायली हथियार को दी मंजूरी
जुलाई में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार जाएंगे इजरायल के दौरे पर। पीएम मोदी के दौरे से पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने किया है ट्वीट, 'आपका इंतजार है दोस्त।'
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई में अपने पहले इजरायल दौरे पर जाएंगे। इससे पहले इजरायली पीएम ने एक ट्वीट के जरिए यह बात दुनिया को जाहिर की दी है कि वह कितनी बेसब्री से पीएम मोदी का इंतजार कर रहे हैं। इजरायली पीएम ने ट्वीट कर लिखा है, 'तुम्हारा इंतजार है दोस्त।' वहीं इससे अलग जब पीएम मोदी अपने इजरायल दौरे पर जाएंगे तो उन डिफेंस डील को भी मंजूरी मिलेगी जिन्हें चीन और पाकिस्तान को दिमाग में रखकर फाइनल करने की कोशिश की जा रही है।
करीब आने का जरिया दो डील
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत उन दो अहम डिफेंस डील को साइन करने जा रहा है जिनका मकसद पीएम मोदी के दौरे से पहले इस मीडिल ईस्टर्न देश के साथ संबंधों को और गहरा करना है। इन डील में एंटी-टैंक मिसाइल्स और नेवल एयर डिफेंस वेपेन सिस्टम शामिल है। इंडियन आर्मी के लिए स्पाइक एंटी-टैंक मिसाइल और नेवी के लिए बराक-8 एयर डिफेंस मिसाइल की डील को अगले दो माह में फाइनल किया जा सकता है।
भारत को मिलेंगी 8,000 मिसाइलें
भारत को अगले दो वर्षों के अंदर 8,000 मिसाइलों की खेप मिलेगी जिनकी कीमत करीब 1.5 बिलियन डॉलर होगी। ये डील पीएम मोदी की वर्ष 2025 तक सेनाओं का आधुनिकीकरण करने की योजना का हिस्सा है जिसके लिए पीएम मोदी ने 250 बिलियन डॉलर की रकम तय की है। चीन और पाकिस्तान की ओर से बढ़ते खतरे के मद्देनजर पीएम देश की सेनाओं के आधुनिकीकरण पर जोर दे रहे हैं।
बराक और स्पाइक को मिली मंजूरी
अक्टूबर 2014 में रक्षा खरीद परिषद की ओर से स्पाइक मिसाइल की खरीद को मंजूरी दी गई थी। इस वर्ष तीन अप्रैल को हुई एक मीटिंग के बाद बराक-8 मिसाइल खरीद प्रस्ताव को हरी झंडी मिली। हालांकि रक्षा मंत्रालय की ओर से इस पर कोई भी आधिकारिक टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
एक बिलियन डॉलर की 10 डील
वित्तीय वर्ष 2016 में इजरायल, दुनिया की तीसरा ऐसा देश बन गया जिसने भारत को सबसे ज्यादा हथियार सप्लाई किए। इसके साथ ही इजरायल के साथ इसी वित्तीय वर्ष में 10 डील हुई हैं जिनकी कीमत करीब एक बिलियन डॉलर है। अभी तक सिर्फ अमेरिका और रूस के साथ ही भारत ने इस अवधि में महंगी डिफेंस डील की हैं।
दो बिलियन डॉलर की भी डील
जो मिसाइल डील इजरायल के साथ हुई हैं उसके अलावा भारत, इजरायल से मध्यम और लंबी दूरी की जमीन से हवा में मार कर सकने वाली मिसाइलें भी हासिल करेगा। इन मिसाइलों की कीमत करीब दो बिलियन डॉलर से भी ज्यादा होगी। मध्यम रेंज की मिसाइल को इजरायनल की आईएआई और डीआरडीओ की ओर तैयार किया जाएगा। इसके अलावा भारत और इजरायल की कुछ और कंपनियां भी इसमें शामिल होंगी। दोनों ही डील पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' का हिस्सा हैं।
आतंकवाद की वजह से एकसाथ
ब्लूमबर्ग ने यूरेशिया ग्रुप से जुड़े शैलेश कुमार के हवाले से लिखा है कि पीएम मोदी का इजरायल दौरा एक मील का पत्थर है। उन्होंने जानकारी दी है कि दोनों देशों में मौजूद अधिकारी मानते हैं कि दोनों ही देश आतंकवाद जैसे खतरे का सामना करने को मजबूर हैं। ऐसे में इजरायल के साथ मिलकर काम करना पीएम मोदी के एजेंडे में काफी अहम है खासतौर पर तब जबकि अमेरिका और इजरायल की दोस्ती आगे बढ़ रही है।
इजरायल पर भारत की स्पष्ट विदेश नीति
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के सीनियर रिसर्च एसोसिएट अलवित सिंह निनग्थेजम मानते हैं कि भारत अब मीडिल ईस्ट पर अपनी पारंपरिक विदेश नीति से खुद को दूर कर रहा है। यह भारत की ओर से एक स्पष्ट संदेश है कि उसे इस बात को लेकर कोई पछतावा नहीं है कि वह मीडिल ईस्ट में मौजूद दूसरे देशों से अलग इजरायल के करीब हो रहा है। वह दूसरे देशों से संबंध बिगाड़े बिना इजरायल पर एक आजाद विदेश नीति को बढ़ा रहा है।