गोरखपुर हादसा: योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी की फोन पर हुई बात, विपक्ष ने मांगा इस्तीफा
यूपी सरकार की तरफ से बताया गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर हादसे की पूरी डिटेल पीएम नरेंद्र मोदी को दे दी है।
नई दिल्ली। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई 63 बच्चों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांग रहे है। इसी बीच योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर हादसे की पूरी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी है। पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की फोन पर करीब 15 मिनट तक बात हुई। वहीं गोरखपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज बाबा राघव दास 63 मौतों पर केंद्र ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
यूपी सरकार की तरफ से बताया गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर हादसे की पूरी डिटेल पीएम नरेंद्र मोदी को दे दी है। यूपी सरकार ने गोरखपुर मौत मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है। वहीं पीएम भी गोरखपुर हादसे पर नजर बनाए हुए है और अधिकारियों से पल-पल की अपडेट ले रहे हैं।
पीएमओ ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर में हुए बच्चों की मौत के मामले पर नजर बनाए हुए है साथ ही केद्र और राज्य के अधिकारियों के संपर्क में हैं।
गोरखपुर में यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि जो मौतें हुई हैं वो ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई हैं। उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे के वक्त किसी ने ऑक्सीजन सप्लाई का मुद्दा नहीं बताया था। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में गोरखपुर बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल को सस्पेंड किया गया है साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच कराई जाएगी।
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दावा किया कि बच्चों की मौत गैस की वजह से नहीं हुई। हालांकि उन्होंने माना कि दो बार गैस सप्लाई में रुकावट आई थी सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि हम बच्चों की मौतों को कम नहीं आंक रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कॉलेज में मरीज लास्ट स्टेज में आते हैं जिस कारण भी मौत का आंकड़ा ज्यादा है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि अगर पुराने आंकड़ें देखें तो इस अस्पताल में औसतन 17-18 बच्चों की मौतें होती हैं। कुछ आकड़े पेश करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 के अगस्त में औसतन में 5 से 7 मौतें हुई थी वहीं 2015 अगस्त में बच्चों की मौत का आकड़ा 22 पहुंच गया था।