प्लेटफॉर्म टिकट का इतिहास उससे जुड़े रोचक तथ्य
नई दिल्ली (सिमरन सिंह)। रेलवे स्टेशन पर एंट्री लेने के लिये दिये जाने वाले प्लेटफॉर्म टिकट के दाम अब पांच रुपए की जगह 10 रुपए हो जायेंगे। यह दरें एक अप्रैल से लागू की जायेंगी। यही नहीं बात अगर रिजर्वेशन की करें तो अब 60 दिनों की जगह 120 दिन पहले यात्री अपना रिजर्वेशन करा सकेंगे। चलिये यह तो रही एक जरूरी सूचना। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्लेटफॉर्म टिकट की शुरुआत कहां से हुई और भारत में पहली बार जब यह आया तो इसके क्या दाम थे। तो यहां पढ़ें।
प्लेटफॉर्म टिकट से जुड़ी खबर
रेल मंत्रालय के अनुसार प्लेटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाने के दो बड़े कारण हैं। पहला रेलवे की आय बढ़ेगी दूसरा रैली के दौरान भीड़ बढ़ जाती है, अगर दाम ज्यादा होंगे तो लोग कम आयेंगे।
अब इसका इतिहास
प्लेटफॉर्म टिकट की शुरुआत 1893 में जमर्नी में तब हुई। उससे पहले ट्रेन पर ही टिकट चेक होते थे। तब कलेक्टर व गार्ड को ट्रेन के एक डिब्बे से दूसरे पर जाने के लिये नीचे उतरना पड़ता था। हालांकि तब ट्रेनों की गति बहुत धीमी हुआ करती थी। उस दौरान बहुत सारी दुर्घटनाएं हुईं। तभी से रेलवे ने सोचा कि टिकट की चेकिंग अब प्लेटफॉर्म पर ही की जाये। उसके लिये चेक प्वाइंट को प्लेटफॉर्म से बाहर जाने का गेट बनाया गया।
तभी यह बात निकल कर आयी, कि जो लोग किसी को छोड़ने या लेने आये हैं, उनके टिकट का क्या। तभी से प्लेटफॉर्म टिकट की शुरुआत की गई। उसके बाद 20वीं सदी में इसे कई देशों ने हटा दिया, लेकिन फिर कुछ वर्षों बाद फिर से लागू कर दिया गया।
प्लेटफॉर्म टिकट से जुड़े रोचक तथ्य पढ़ें स्लाइडर में-
रॉयल प्रुसेन रेलवे ने की शुरुआत
जर्मनी की रॉयल प्रुसेन रेलवे ने 1893 में इसकी शुरुआत की। फिर जमर्नी की अन्य रेलवे ने उसे फॉलो किया।
जर्मनी ईस्ट में 1970 और वेस्ट में 1974
प्लेटफॉर्म टिकट जर्मनी ईस्ट और वेस्ट में बहुत देर बाद आये। यहां इनकी शुरुआत क्रमश: 1970 और 1974 में हुई।
भारत में सबसे पहले पुणे
भारत में सबसे पहले प्लेटफॉर्म टिकट की शुरुआत पुणे जंक्शन से हुई।
ब्रिटिश काल में प्लेटफॉर्म टिकट के दाम
ब्रिटिश काल में प्लेटफॉर्म टिकट के दाम 1 पैसा हुआ करते थे। आज 10 रुपए हो गये हैं।
2 घंटे तक रहता है वैलिड
आपको मालूम होना चाहिये कि प्लेटफॉर्म टिकट सिर्फ दो घंटे तक वैलिड रहता है।
बिना टिकट जुर्माना
भारत में बिना प्लेटफॉर्म टिकट के पकड़े जाने पर 250 से 270 रुपए तक जुर्माना लगता है।