अलगावादियों की मदद वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की आर्थिक मदद को बंद करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। हालांकि पिछले दिनों तब सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसे लगता है कि अलगाववादी नेताओं को मिल रही आर्थिक मदद बंद होनी चाहिए।
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केंद्र सरकार का मामला
बुधवार को जब यह मसला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मसले केंद्र सरकार के तहत आते हैं। इस याचिका पर जस्टिस दीपक मिश्रा और यूयू ललित की बेंच सुनवाई कर रही थी।
वकील एमएल शर्मा की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और दूसरी सुविधाओं पर 100 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।
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सुप्रीम कोर्ट को बचना होगा ऐसे मामलों से
दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार के पास इस मसले की पूरी जिम्मेदारी है। न्यायपालिका इस बात का निरीक्षण नहीं कर सकती है कि किस तरह से पैसा दिया जा रहा है, किसे दिया जा रहा है।
जब इस तरह के संवेदनशील मसले होते हैं तो ये केंद्र सरकार के अधीन होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों से सुप्रीम कोर्ट को बचना चाहिए।
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क्या सरकार मानती है अलगाववादी
वहीं याचिकाकर्ता से कहा गया कि जम्मू कश्मीर में सेना और केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा दी जा रही है। वहीं याचिकाकर्ता से यह सवाल भी किया गया कि उन्होंने अपनी याचिका में अलगाववादी शब्द का प्रयोग क्यों किया? साथ ही उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार भी उन्हें अलगाववादी के तौर पर संबोधित करती है।