कश्मीर के गुुरेज और सोनमर्ग में आए बर्फीले तूफान के 15 श्ाहीद
कश्मीर के गुरेज सेक्टर में शुक्रवार को मिले चार और जवानों के शव, दो दिनों में हिमस्खलन में इंडियन आर्मी ने गंवा दिए अपने 15 सैनिक।
ऊधमपुर। जम्मू कश्मीर में इस बार बर्फीला तूफान सैनिकों का काल बनकर आया है। पिछले दो दिनों में हिमस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में इंडियन आर्मी ने अपने 15 सैनिकों को गंवा दिया है। शुक्रवार को भी गुरेज सेक्टर में चार और जवानों के शव मिले हैं।
नॉर्दन कमांड ने जारी किया बयान
नॉर्दन कमांड की ओर से एक बयान जारी कर इन सैनिकों के बारे में जानकारी दी गई है। नॉर्दन कमांड की ओर से जारी बयान में कहा गया है, '25 जनवरी को सोनमर्ग और गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं की वजह से 15 बहादुरों ने अपनी जान गंवा दी है। लेफ्टिनेंट जनरल डी अनबू और पूरी नॉर्दन कमांड की ओर से इस घटना पर दुख प्रकट किया जाता है।' नॉर्दन कमांड की ओर से शहीदों के परिवार वालों के लिए भी संवेदनाएं जाहिर की गई हैं। कश्मीर में खराब मौसम की वजह से अथॉरिटीज की ओर से नई चेतावनी जारी की गई है। इस हिमस्खलन में छह और लोगों की मौत हो गई है। ये लोग आसपास के इलाकों में रहते थे। एक नजर डालिए उन 15 शहीदों के नाम पर जिन्होंने इन हादसों में अपने प्राण त्याग दिए।
मेजर अमित सागर
मेजर अमित सागर 25 जनवरी को सोनमर्ग में शहीद हुए हैं। दिल्ली के जनकपुरी के रहने वाले मेजर सागर अपने कैंप में थे जब तूफान आया। उनकी पोस्ट बर्फ के नीचे दब गई थी। दो मई 1974 को जन्म मेजर अमित के घर में पत् के अलावा 18 वर्ष की बेटी ओर 12 वर्ष का एक बेटा है।
नायब सूबेदार आराम सिंह
करोली राजस्थान के रहने वाले नाय सूबेदारब आराम सिंह गुर्जर इस घटना में शहीद हुए हैं। कश्मीर के गुरेज सेक्टर में 51 राष्ट्रीय राइफल्स का कैंप हिमस्खलन का शिकार हुआ था। आठ जुलाई 1974 को जन्मे नायब सूबेदार सिंह के घर में पत्नी बिमलेश के अलावा तीन बेटियां और दो बेटे हैं।
हवलदार विजय कुमार
मध्य प्रदेश के मुरैना के विजय कुमार शुक्ला सेना में हवलदार के पद पर थे। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने इस घटना के लिए शोक जताया है। 21 फरवरी 1983 को जन्मे विजय के घर में पत्नी मनोरमा और सात वर्ष की बेटी यशी है।
नायक अजित सिंह
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले नायक अजित सिंह। शुरुआत रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इंडियन आर्मी नहीं बल्कि बीएसएफ की एक पोस्ट बर्फ की चपेट में आ गई। बाद में आर्मी की ओर से इस पर स्थिति साफ की गई। 12 जुलाई 1981 को जन्में नायक अजित सिंह के घर पर पत्नी प्रियमपदी के अलावा एक नौ वर्ष और एक सात वर्ष का बेटा है।
आनंद गवई
महाराष्ट्र के अकोला जिले के रहने वाले सिपाही आनंद गवई भी इस हादसे में शहीद हो गए हैं। कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन ने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास स्थित आर्मी की पोस्ट्स को शिकार बनाया। 24 अप्रैल 1990 को सिपाही आनंद का जन्म हुआ था। उनके घर पर उनकी मां गोरखा गवई हैं।
आजाद सिंह
उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद के रहने वाले आजाद सिंह सेना में सिपाही के पद पर थे। कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर के मुताबिक मौसम के खराब होने को लेकर चेतावनी जारी की गई थी। एक जुलाई 1985 को जन्म सिपाही आजाद के घर उनकी पत्नी पुष्पा यादव के अलावा आठ और चार वर्ष की दो बेटियां हैं।
देवेंदर कुमार
मध्य प्रदेश के शहडोल निवासी सिपाही देवेंद्र कुमार सोनी। इस हादसे में सैनिकों और आम नागरिकों को मिलाकर अब तक कुल 24 लोगों की मौत हो चुकी है। 10 जुलाई 1990 को जन्मे सिपाही देवेंंद्र कुमार सोनी के घर पर उनकी मां लक्ष्मी सोनी हैं।
एल्वेरासन बी
तमिलनाडु के रहने वाले सिपाही एल्वेरासन बी। बुधवार को इस घटना में बांदीपोर के रहने वाले चार नागरिकों की भी मौत हुई है। 30 जुलाई 1989 को सिपाही एल्वेरासन बी का जन्म हुआ था। उनके घर में उनकी मां हैं।
नागाराजू मामीदी
विजयनगर आंध्र प्रदेश के रहने वाले सिपाही नागाराजू मामीदी। जिस समय हिमस्खलन हुआ उस समय ये सैनिक एलओसी पर पेट्रोलिंग पर थे। सिपाही नागाराजू का जन्म 28 फरवरी 1990 को हुआ था और उनके घर में उनकी मां हैं।
समुंदरे विकास
महाराष्ट्र के बीड जिले के निवासी समुंदरे विकास सेना में सिपाही के पद पर तैनात थे। इंडियन आर्मी के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने जानकारी दी है कि अब कोई भी गायब नहीं है। सिपाही संमुदरे का जन्म पांच जनवरी 1990 को हुआ और उनके घर में उनकी मां हैं।
संदीप कुमार
सिपाही संदीप कुमार कर्नाटक के हासन जिले के रहने वाले थे और उनका जन्म 21 जुलाई 1989 को हुआ था। गुरुवार को करीब 10 सैनिकों के शव निकाले गए हैं। उनके घर में उनकी मां हैं।
संंजू सुरेश खांद्रे
महाराष्ट्र के अकोला जिले के रहने वाले थे शहीद सिपाही संजू सुरेश खांद्रे का जन्म 23 मई 1990 को हुआ था। सरकार की ओर से इन सभी शहीदों के परिवार वालों को जानकारी दे दी गई है।
तमिलनाडु से एक और शहीद
तमिलनाडु के मदुरै के रहने वाले सिपाही सुंदर पांडी भी घटना में शहीद हो गए हैं। सिपाही सुंदर आठ जून 1991 को पैदा हुएथे।
सुनील पटेल
25 जुलाई 1992 को जन्मे सिपाही सुनील गुजरात के पंचमहल के रहने वाले थे। पिछले वर्ष फरवरी में सियाचिन में आए तूफान में इंडियन आर्मी के 10 जवान शहीद हो गए थे।
हरियाणा के अंकुर सिंह
हरियाणा में 16 मार्च 1992 को जन्में सिपाही अंकुर सिंह झज्जर जिले के रहने वाले थे। पिछले वर्ष सियाचिन की घटना के बाद यह दूसरी बड़ी प्राकृतिक घटना है जिसमें इतने बड़े स्तर पर सैनिक शहीद हुए हैं। उनके घर में उनकी पत्नी प्रीति शर्मा हैं।