PICS: किस तरह स्टूडेंट बनकर जिस्म का धंधा कर रही हैं कॉलगर्ल्स, फेस और फिगर पर होता है सौदा
भोपाल। सभ्यता और संस्कृति के विकास के साथ ही साथ दुनिया के सबसे पुराने धंधे 'जिस्मफरोशी' का भी पूरी दुनिया में चरम उभार हो चुका है। पोस्ट मॉडर्न सोसाइटी में वेश्यावृत्ति के अलग-अलग रूप भी सामने आए हैं। रेड लाइट इलाकों से निकल कर वेश्यावृत्ति अब मसाज पार्लरों एवं एस्कार्ट सर्विस के रूप में भी फल-फूल रही है। देह का धंधा कमाई का चोखा जरिया बन चुका है। मगर मध्य प्रदेश के भोपाल में इस धंधे का एक नया फंडा सामने आया है जिसे जानकार आप सकते में पड़ जाएंगे।
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किसका यकीन करें या फिर किसपर भरोसा क्योंकि यहां इस धंधे में लिप्त कॉलगर्ल्स अब स्टूडेंट बनकर इस धंधे को अंजाम दे रही हैं। जी हां भोपाल में सक्रिय दलाल दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, गोवा और पुणे जैसे शहरों से कॉलगर्ल बुलाकर उन्हें ऐसे स्थानों पर ठहरा रहे हैं जहां ज्यादातर स्टूडेंट्स रहते हैं। समेस्टर का इंटरनल एक्जा़म या फिर नौकरी के लिए इंटरव्यू का बहाना, या एडमिशन के लिए कंप्टीशन का बहाना बनाकर ये हाईफाई कॉलगर्ल्स महीनों यहां रहती हैं और जमकर धंधा करती हैं।
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धंधा
अच्छा
चलता
है
तो
ठीक
है
नहीं
तो
कॉलगर्ल
को
उनके
ठिकाने
पर
वापस
भेजकर
दूसरी
कॉलगर्ल
को
बुला
लिया
जाता
है।
ऐसे
में
किसी
को
शक
भी
नहीं
होता
और
काम
आराम
से
चलता
है।
तो
आईए
इस
धंधे
के
पूरे
तरीकों
पर
विस्तार
से
चर्चा
करते
हैं।
तस्वीरों
की
स्लाइड
को
आगे
बढ़ाते
जाईए
और
पढ़ते
जाईए
चौकाने
वाले
सच:
फिगर और सुंदरता पर मिलता है कॉलगर्ल्स को ठेका
देश के अलग-अलग शहरों से बुलाई जाने वाली कॉलगर्ल्स का ठेका दलाल उनकी संद्ररता और फिगर के आधार पर करता है। ज्यातार लड़कियों को हफ्ते या फिर 15 दिन के लिए भोपाल (ऐसा ही हाल हर बड़े शहर का है। चुकि भोपाल में रैकेट पकड़ा गया है इसलिए बात उसी की हो रही है) भेजा जाता है। लड़कियों के आते ही उन्हे सेफ जगहों पर ठहरा दिया जाता है।
एक हफ्ते में 1 से डेढ़ लाख रुपये कमा लेती हैं कॉलगर्ल्स
एक कॉलगर्ल के एक हफ्ते के एक लाख और डेढ़ लाख रूपए तक अदा (जहां से लड़कियां लाईं जाती हैं उसे) करने होते हैं। कॉलगर्ल के भोपाल पहुंचने के बाद ठेके के कीमत के हिसाब से रेट तय कर देह व्यापार कराया जाता है।
स्टूडेंट पैसे के लिए देते हैं पनाह
ज्यादातर कॉलगर्ल को ऐसे स्टूडेंट्स के ठिकानों पर ठहरा दिया जाता है जो थोड़े से पैसे के लालच में इन्हें अपने फ्लैट या फिर मकान में कभी दोस्त के रूप में या रिश्तेदार के रूप में रख लेते हैं।
नंबर ऑफ सर्विस होती है फिक्स
कॉलगर्ल्स को पहले ही बता दिया जाता है कि उसे दिन में कितने कस्टमर्स से मिलना होगा। कुछ भी कर के उन्हें उतनी बार सर्विस देनी ही होती है। एक कॉलगर्ल्स से एक दिन में ज्यादा से ज्यादा तीन सर्विस कराई जाती है।
कॉलगर्ल्स की होती है ब्राडिंग है
बाहर से आने वाली कॉलगर्ल के भोपाल पहुंचते ही इंटरनेट पर फ्रेंडशिप के नाम से विज्ञापन किया जाता है और इंटरनेट पर दलालों के नंबर दे दिए जाते हैं।
कॉलगर्ल्स का कोलार्ज बनाकर दलाल लगाते हैं व्हाट्सएप प्रोफाइल फोटो
दलालों के नंबर को सेव करते ही व्हाट्सएप की प्रोफाइल पर इन कॉलगर्ल की तस्वीर दिखने लगती है। फिर कॉलगर्ल के चेहरे और जिस्म के हिसाब से सौदेबाजी होती है।
एक घंटे का 20 से 30 हजार रुपये
कॉलगर्ल्स का एक घंटे का रेट 20 से 30 हजार रुपये तक होता है। सौदा तय होने के बाद अगर ग्राहक कॉलगर्ल को अपने ठिकाने पर ले जाना चाहता है तो ग्राहक द्वारा बताए गए स्थान पर दलालों द्वारा कॉलगर्ल को छोड़ दिया जाता है। हालांकि 3 हजार तक वाली भी सर्विस उपलब्ध रहती है जो दलाल अपने ही स्थान पर देते हैं।
धंधे में उतर रही है 16 से 18 साल की लड़कियां
16 से 18 साल तक की कई युवतियां परिवार का पेट पालने के लिए मजबूरन देह व्यापार के धंधे में उतर रही हैं। हालांकि कुछ लड़कियां अपने महंगे शौक पूरा करने के लिए भी इस धंधे में आती हैं।
विदेशी कॉलगर्ल की डिमांड
विदेशी कॉलगर्ल की बहुत डिमांड हैं। नार्थ ईस्ट की कॉलगर्ल ज्यादातर दिल्ली से आती है इसके अलावा मुंबई, पुणे और गोवा से विदेशी कालगर्ल की सप्लाई भोपाल में होती है।