आसमान छू रही हैं पेट्रोल-डीजल की कीमत, सरकार को GST और राज्यों से उम्मीद
नई दिल्ली। जैसा कि केंद्र की सरकार ने दावा किया था उस हिसाब से पेट्रोल और डीजल कीमतों में जनता को राहत मिलती नहीं दिख रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते देश में पेट्रोल की कीमत 81.10 रुपए प्रति लीटर पहुंच चुकी है। इतना ही नहीं डीजल की कीमत जनता को 67.10 रुपए प्रति लीटर देनी पड़ रही है। दूसरी ओर सरकार का कहना है वो कोशिश कर रही है कि पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर के दायर में ले आए। बता दें कि सोमवार को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी घटाए जाने से पहले के लेवल पर पहुंच गईं। कुछ ऐसा ही हाल डीजल का भी है। आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 72.23 रुपए हो गई।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार इस कोशिश में लगी हुई है कि पेट्रोल-डीजल समेत केरोसिन (मिट्टी के तेल) को GST के दायरे में ले आए। उन्होंने पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के प्रयास लगातार जारी है। प्रधान ने उम्मीद जताई कि GST काउंसिल जल्द ही इस पर कोई फैसला ले सकती है। प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ कीमतों के साथ-साथ राज्यों के कर भी बढ़ रहे हैं।
सरकार के लिए काफी चिंताजनक
इससे पहले क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें फिलहाल 70 डॉलर प्रति बैरल है, जो कि अभी काबू में हैं, लेकिन अगर कीमतें इससे ऊपर जाती हैं तो यह सरकार के लिए काफी चिंताजनक होगा। 2014 में जब तेल की कीमतें कम हुईं थी तो सरकार ने टैक्स बढ़ा दिया था। अब अगर कीमतें बढ़ती हैं तो महंगाई पर लगाम कसने के लिए सरकार को पेट्रोल-डीजल से ड्यूटी कम करनी होगी।
एक सप्ताह पहले यह थी कीमत
इंडिया ऑयल कॉर्पोरेशन की वेबसाइट के मुताबिक सोमवार (15 जनवरी) को डीजल, दिल्ली में 61.74 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में 64.40 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 65.74 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 65.08 रुपए प्रति लीटर बिका था। कोलकाता में पेट्रोल की कीमतें जुलाई 2015 के बाद सबसे ऊपर और मुंबई में अक्टूबर 2017 के बाद टॉप पर थी। दिल्ली में सोमवार (15 जनवरी) को पेट्रोल 71.18 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में 73.91 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 79.06 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 73.80 रुपए प्रति लीटर बिका था।
यूं होता है दाम का निर्धारण
गौरतलब है कि भारत में पिछले कुछ सालों से पेट्रोल और डीजल की कीमतें बाजार में निर्धारित होती रही हैं, जहां राज्य की कंपनियां ईंधन के रिटेल बाजार में 90% से भी ज्यादा का नियंत्रण करती हैं। तेल कंपनियां अपना मार्केटिंग मार्जिन, डीलरों का कमीशन और सरकार की ड्यूटी जोड़कर ईंधन की रिटेल कीमतों का नियंत्रण करती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतें काफी हद तक कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती हैं।