पासपोर्ट खो गया तो अपनी टुक-टुक से पहुंचे फ्रांस से ब्रिटेन
नई दिल्ली। भारतीय मूल का एक इंजीनियर सोलर पावर से चलने वाले टुक-टुक से सोमवार को ब्रिटेन पहुंच गया। यहां तक पहुंचने के लिए उसने 7 महीने में करीब 6,200 मील का सफर तय किया।
इस भारतीय शख्स का नाम है नवीन राबेल्ली, जिसका जन्म भारत में हुआ, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में एक ऑटोमेटिव इंजीनियर की तरह काम करते-करते उसने ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता हासिल कर ली।
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फ्रांस से ब्रिटेन के डोवर शहर आने तक आने में नवीन राबेल्ली ने ईरान, तुर्की, बल्गेरिया, सर्बिया, ऑस्ट्रिया, स्विटजरलैंड, जर्मनी और फ्रांस की यात्रा तय की है।
लोगों को पसंद आया टुक-टुक
35 साल के नवीन राबेल्ली कहते हैं कि जब वे फ्रांस पेरिस पहुंचे तो वहां पर उनका पासपोर्ट और कुछ जरूरी कागज चोरी हो गए थे। इसके बाद नवीन को एक इमरजेंसी पासपोर्ट दिया गया, जिसे लेकर वह अपनी टुक-टुक से ही ब्रिटेन के लंदन के लिए रवाना हो गए।
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राबेल्ली कहते हैं कि 6,200 मील के इस सफर में लोगों को उनका टुक-टुक बहुत पंसद आया। खासकर ईरान और कुछ अन्य देशों के लोगों ने उनके टुक-टुक की बहुत तारीफ की है।
टुक-टुक के साथ लोगों ने ली सेल्फी
उन लोगों ने टुक-टुक के साथ सेल्फी भी ली। उस समय उन लोगों के होश उड़ गए, जब उन्हें यह बताया गया कि टुक-टुक को चलने के लिए पेट्रोल की जरूरत नहीं होती है।
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उन्होंने बताया कि इमरजेंसी पासपोर्ट के सहारे वह यहां तक आ पहुंचे। इमरजेंसी पासपोर्ट होने की वजह से ब्रिटिश पुलिस ने उनका पासपोर्ट तो अच्छे से चेक किया ही, साथ ही उनकी टुक-टुक को भी अच्छे से चेक किया।
राबेल्ली ने खुद बनाई है टुक-टुक
आपको बता दें कि यह टुक-टुक नवीन राबेल्ली ने खुद ही बनाई है। इसमें बेड, अलमारी और सहयात्री के लिए एक सीट भी है। इसके अलावा, इनके टुक-टुक में सोलर कुकर है और लोगों द्वारा दान दिया गया खाना है।
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राबेल्ली ने अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान बिजली और सोलर पावर से चलने वाली इस गाड़ी के बारे में भी लोगों को जागरुक किया। उन्होंने लोगों को बताया कि ट्रांसपोर्ट के लिए यह भी एक सस्ता विकल्प है।