संसद में गूंजा लखवी की जमानत का मुद्दा, लोकसभा में पास हुआ निंदा प्रस्ताव
नई दिल्ली। मुंबई हमले के आरोपी आतंकवादी जकीउर्रहमान लखवी को जमानत दिये जाने के खिलाफ आज संसद में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में पाकिस्तान की आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठाये गये।
शून्य
काल
में
लखवी
की
जमानत
पर
बहस
इससे
पहले
लोकसभा
में
शून्यकाल
के
दौरान
लखवी
के
मुद्दे
पर
चर्चा
करते
हुए
कांग्रेस
नेता
मल्लिकार्जुन
खड़गे
ने
कहा
पाकिस्तान
में
132
बच्चों
की
हत्या
के
बाद
प्रधानमंत्री
नवाज
शरीफ
ने
कहा
था
कि
आतंकवाद
को
रोकने
के
लिए
सभी
कदम
उठाए
जाएंगे।
लेकिन
दो
दिन
बाद,
हमने
पाकिस्तान
का
एक
और
रूप
देखा।
एक
अदालत
ने
लखवी
को
जमानत
दे
दी।
प्रधानमंत्री
ने
कड़े
शब्दों
में
पहुंचाया
पाक
को
संदेश
खड़गे
ने
कहा
मैं
सरकार
से
यह
पूछना
चाहता
हूं
इसकी
किस
प्रकार
निंदा
की
जा
सकती
है।
हम
सरकार
का
रुख
जानना
चाहते
हैं।
इस्लामाबाद
स्थित
आतंकवाद
निरोधी
अदालत
ने
गुरुवार
को
लखवी
को
जमानत
दे
दी
थी।
वहीं
खड़गे
ने
इस
संबंध
में
प्रधानमंत्री
से
सदन
में
जवाब
देने
को
कहा
था।
जिसके
बाद
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
लोकसभा
में
कहा
कि
पाकिस्तान
का
यह
रवैया
हैरान
करने
वाला
है।
शून्यकाल के दौरान मुद्दे पर चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "पाकिस्तान में 132 बच्चों की हत्या के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि आतंकवाद को रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे। लेकिन दो दिन बाद, हमने पाकिस्तान का एक और रूप देखा। एक अदालत ने लखवी को जमानत दे दी।"
इससे पहले सदन में लखवी के मुद्दे पर बोलते हुए खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी नवाज शरीफ से बात की थी, "हम जानना चाहते हैं कि उन्होंने क्या कहा था और नवाज ने क्या आश्वासन दिया था। हम मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं चाहते, लेकिन इस पर प्रधानमंत्री का बयान देना ज्यादा उचित रहेगा।"
वहीं भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने पाकिस्तानी अदालत द्वारा लखवी को जमानत देने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "उसे तुरंत भारत के हवाले कर देना चाहिए और कसाब की तरह उसे फांसी दी जानी चाहिए। मुंबई हमले में एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को फांसी दे दी गई थी। सोमैया ने कहा कि विदेश मंत्री को पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम. सलीम ने कहा हम पाकिस्तान की घटना की निंदा करते हैं। आतंकवादियों के साथ किसी भी तरह की बातचीत नहीं हो सकती। तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस सबूत पर उसे जमानत दिया गया, वह पर्याप्त नहीं था। भारत सरकार द्वारा सौंपे गए सबूत का इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा यह बेहद गंभीर मामला है और भारत सरकार को पाकिस्तान के सामने इसे उठाना चाहिए।"