जानिए इस समय क्या कर रहा है 26/11 का मास्टरप्लानर साजिद मीर
नई दिल्ली। साजिद मीर वह नाम जिसने मुंबई हमलों का पूरा प्लान तैयार किया और जिस समय आतंकी हमले को अंजाम दे रहे थे तो वह कराची में बने कंट्रोल रूम में बैठकर सारे तमाशे को देख रहा था।जैसे ही पोरबंदर से खबर आई कि यहां पर कराची से आई एक नाव को कोस्ट गार्ड ने ट्रेस किया है, एक बार को मुंबई हमलों की याद ताजा हो गई। 31 दिसंबर को जो कुछ भी हुआ वह हो सकता है कि साजिद के उस खतरनाक प्लान का हिस्सा हो, जिसमें उसने मुंबई की तर्ज पर ही देश को दहलाने की साजिश बनाई हो।
भारत में असलहे भेजने की तैयारी में मीर
वर्ष 2009 में साजिद मीर ने अहमद याकूब को भारत में समंदर के जरिए 60,000 राउंड्स हथियारों को भेजने का आदेश दिया था। साजिद मीर मुंबई हमलों के दौरान डेविड हेडली को निर्देशित किया था। अहमद याकूब की नियुक्ति से जुड़ी यह जानकारी एक जांच में सामने आई थी। इस बात के बारे में कुछ हद तक अमेरिका की ओर से भी पुष्टि की जा चुकी है।
इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों की मानें तो पोरबंदर में आई पाक की नाव भारत में रेकी के इरादे से आई थी। जहां एक तरफ जांचकर्ता इस पूरे एपिसोड की जांच करने में लगे हुए हैं, वहीं सूत्रों की मानें तो पूर्व में भी इस तरह के कई प्रयास हुए हैं, जिनमें देश के अंदर हथियारों को गैरकानूनी तरीके से दाखिल करने की कई कोशिशें की गई थीं।
पाक नेवी के ऑफिसर लश्कर के साथ
जो बातें जांच में सामने आई हैं उनके मुताबिक साजिद मीर ने अहमद याकूब को लश्कर की मैरिटाइम यूनिट का प्रमुख बनाया था। याकूब को भारत में हथियारों को दाखिल करने की जिम्मेदारी दी गई थी। पाकिस्तान में तैयार हो रहे आतंकियों के कराची प्रोजेक्ट से जुड़ी जांच में यह बातें सामने आई थीं।
31 दिसंबर को जो घटना हुई है वह कोई छोटी-मोटी घटना नहीं है और साफ है कि पाक के सैन्य संस्थानों की ओर से आतंकियों को पूरा समर्थन मिल रहा है। लश्कर-ए-तैयबा के पास अपनी खुद की एक नेवेल विंग है और इसमें पाक नेवी के पूर्व अधिकारियों को खास जगह दी गई है।
लश्कर की मैरिटाइम विंग पाक नेवी की मदद की वजह से ही शुरू हो सकी है। पाक नेवी इसे हर कदम पर मदद करती है। 31 दिसंबर को जो वाकया हुआ है उस तरह की घटनाओं में पाक की नेवी और आईएसआई की ओर से लश्कर को इंटेलीजेंस मुहैया कराई जाती है।
कराची प्रोजेक्ट पार्ट 2 की तैयारी
साजिद मीर इस समय मुर्दिके में है और यह लश्कर का एक कैंप है। लाहौर के पास ही लगा यह कैंप मैरीटाइम फोर्स के कई सदस्यों का अड्डा बना हुआ है। भारत और इजरायल की इंटेलीजेंस एजेंसियों की ओर से जो भी जानकारी इकट्ठा की गई है उसके मुताबिक मीर मुर्दिक वापस लौट आया है और अब वह कराची प्रोजेक्ट के दूसरे पार्ट को पूरा करने की कोशिशों में लगा हुआ है।
मीर गुजरात और महाराष्ट्र से लोगों की भर्ती करने के मंसूबों को पूरा करने की कोशिशों को भी पूरा करने में लगा है। इसी बात से साफ है कि वह इन राज्यों में कुछ न कुछ जरूर कर रहा हो। मीर की मुर्दिके कैंप में वापसी इस बात का सुबूत है कि लश्कर के कैडर्स में काफी बेचैनी है।
26/11हमलों से पहले भी इसी तरह का माहौल था। सीमा के उस पार से होने वाली फायरिंग कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा करता है कि पाक भारत की सरजमीं पर कुछ करने की योजना तैयार कर रहा है।