भारतीय स्कूल की पाकिस्तानी प्रिंसिपल, जागी यूपी सरकार
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला) क्या ये मुमकिन है कि हमारे देश के किसी सरकारी स्कूल का प्रधानाचार्य पाकिस्तानी हो? कतई नहीं। पर यह हो रहा है अपने उत्तर प्रदेश के रामपुर में। यहां पर एक पाकिस्तानी नागरिक वीजा की अवधि खत्म होन के दो दशक बाद भी काम कर रही हैं एक स्कूल में प्रिसिंपल के रूप। इनका नाम है माहिरा अख्तर।
जानकारी नहीं
शुक्रवार को इस संबंध में पाकिस्तान उच्चायुक्त में भी पूछताछ की गई तो वहां से एक जनाव कहने लगे कि हमारे पास इस तरह की कोई जानकारी नहीं है कि उनके मुल्क का कोई इंसान भारत में नौकरी कर रहा हो।
रामपुर में पैदाइश
इनके बारे में पता चला कि माहिरा रामपुर की रहने वाली थी। इधर ही इनका जन्म हुआ। पर शादी हुई पाकिस्तान में 1979 में। पर वहां पर पति से इनका कुछ समय के बाद तलाक हो गया। तो यह वापस रामपुर आ गई 1981 में।
फिर किया निकाह
यहां पर इन्होंने फिर से निकाह कर लिया। पर पाकिस्तान में रहने के दौरान इन्होंने भारत की नागरिकता को छोड़ दिया। उनका पासर्पोट और वीजा की अवधि 1995 में खत्म हो गई।
जागी सरकार
इतने साल गुजर जाने के बाद यूपी सरकार का गृह विभाग जागा। अब वह कह रहा है कि मामला गंभीर है। केस की छानबीन हो रही है। पर जानकार कह रहे हैं इतने सालों तक भारत में रहने के बाद माहिरा को पाकिसान भेजने का कोई मतलब नहीं है। वहां पर उसका कोई नहीं है। उसका अपने पति से तलाक हुए भी जमाना हो गया है।
1992 में मिली नौकरी
पता चला है कि माहिरा को 1992 में नौकरी मिल गई यूपी बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट में। माहिरा आजकल रामपुर के एक स्कूल में प्रिसिपल है। अब उनसका विभाग भी कह रहा है हमें तो सारे मामले की जानकारी ही नहीं।
बात दें कि देश के विभाजन के समय रामपुर से बहुत बड़ी तादाद में मुसलमान परिवार पाकिस्तान चले गए थे। उनका अपने पुऱखों के देश से भी संबंध बना रहा। वे लंबे समय तक अपने बेटे-बेटियों की शादियां रामपुर में ही करते थे।