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भारत में सौतेला व्यवहार सह रहे पाकिस्तानी हिंदू

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नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। पाकिस्तान से परेशान होकर भारत में शरण की उम्मीद में आए हिन्दुओं को सरकार, प्रशासन तथा यहां के जिम्मेवार नागरिकों की बेरुखी के कारण वापस जाने को विवश होना पड़ रहा हैं। जो हैं वे भी अत्यंत ही शर्मनाक स्थिति में रह रहे हैं। जब वे आये थे भाजपा ने उनका स्वागत किया था। जानकारी के मुताबिक, बहुत से पाकिस्तान से आए हिन्दू फिर पाकिस्तान वापस जाने के बारे में सोच रहे हैं। पाकिस्तान के हिन्दू राजधानी में मजनूं का टीला और राजस्थान के कई इलाके में रहते हैं। इनकी संख्या हजारों में है।

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वरिष्ठ समाज सेवी संदीप वहल ने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष के रुप में राजनाथ सिंह उनसे मिलने तक गए थे। दूसरे नेता भी गए थे। सबने उनके साथ वायदे किये थे। आज वे गृहमंत्री है। क्या वे भूल गए वायदे? अब तो उनके हाथ में बहुत कुछ है। उन्हें वीजा की अवधि बढ़ाने के लिए क्यों दर दर ठोकर खाना पड़ रहा है जिससे आजिज आकर उन्हें फिर नरक में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

पाक के हिन्दुओ का हो पुनर्वास

वरिष्ठ लेखक अवधेश कुमार कहते हैं कि भारत के लिए और सरकार के लिए यह कलंक कृत्य है। राजस्थान से क्यों वापस जा रहे हैं वे? वसुंधरा राजे सरकार के पास थोड़ी भी संवेदनशीलता है या नहीं? वहां के सक्रिय लोगों का भी दायित्व है कि उन्हें रोकें और उनके लिए व्यवस्था करें।

क्या इतना बड़ा देश कुछ हजार लोगों की व्यवस्था नहीं कर सकता? जानकारों का कहना है कि सरकार पर दबाव बढ़ाया जाना चाहिए ताकि इन्हें पहले स्थायी वीजा दिया जाए और फिर उन्हें भारत की नागरिकता। सिख और हिन्दू वहां से हार कर अंतिम उम्मीद से हमारे यहां आ रहे हैं। आखिर उन्हें भारत नहीं अपनायगा तो कौन अपनायेगा।

जानकारी के अनुसार, पाक में हिन्दुओं पर जुल्म और अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। दिसंबर 2001 से लेकर अब तक तकरीबन साढ़े आठ सौ पाक हिन्दू शरणार्थी वहां से पलायन कर राजधानी दिल्ली और राजस्थान आ चुके हैं। पाक सिंध प्रांत के मटियारी जिले से आये लालचंद, चंदू मल, लक्ष्मण, मुलाराम धौलीराम, चम्बा आदि ने एक बार इस लेखक को बताया था कि पाक मुसलमानों के घोर अत्याचार से वे लोग पाक छोडऩे को विवश हो गये। वहां पर रहने वाले हिन्दुओं के साथ हो रही ज्यादती के दास्तान सुनाते हुये ये सभी रो-रो कर कहने लगे कि हम मर जायेंगे पर पाक वापस नहीं जायेंगे। उनका कहना है कि उनकी बहू-बेटियों की रोज इज्जत लूटी जाती थी।

सिंध प्रांत से आये कई हिन्दू शरणार्थियों ने बताया कि वहां के मुसलमानों ने तो सारी हदें पार कर दी हैं। अब वहां पर हिन्दुओं के साथ हो रही बर्बरता की दास्तान सुनाने लायक नहीं। नये आये पाक हिन्दू शरणार्थियों का भय साफ झलक रहा था। बहरहाल, अगर सरकार ने इन हिन्दुओं के लिए कोई कदम नहीं उठा तो इनको फिर से नरक में जाना पड़ेगा।

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English summary
With no help from anywhere, Hindus from Pakistan may return. Government is not granting long term visas to them. पाकिस्तान से परेशान होकर भारत में शरण की
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