जाधव मामले में रॉ के चीफ अनिल कुमार धस्माना से करनी है पाकिस्तान को पूछताछ
नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में अब पाकिस्तान ने नई चाल चली है। पाकिस्तान अब भारत की इंटेलीजेंस एजेंसी रॉ के मुखिया अनिल कुमार धस्माना की जांच करना चाहता है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के अधिकारियों की मांग है कि वह जाधव के साथ संबंध रखने के आरोप में धस्माना से पूछताछ करना चाहते हैं। आपको बता दें कि जाधव को पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने अप्रैल में फांसी की सजा सुनाई है।
भारत ने सभी आरोपों को नकारा
भारत ने जाधव पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से इनकार कर दिया है। अभी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान ने भारत को अपनी इस ख्वाहिश के बारे में बताया है या नहीं। पाकिस्तान ने पिछले दिनों जाधव का एक नया टेप जारी किया है। इस टेप में जाधव एक अनिल कुमार नामक व्यक्ति पर पाकिस्तान में आतंकी साजिशों को आगे बढ़ाने के आरोप लगाते नजर आ रहे हैं। पाक का दावा है कि जाधव ने जिस अनिल कुमार का जिक्र अपने इस नए टेप में किया है वह रॉ चीफ अनिल कुमार धस्माना ही हैं। पाक ने इस वीडियो के साथ ही यह भी दावा किया जाधव ने पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के सामने दया याचिका भी दायर की है। जाधव का जो नया वीडियो आया है उसमे वह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि अनिल कुमार, पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान में हिंसा का समर्थन कर रहे हैं। भारत ने इस नए वीडियो को फिर से फर्जी वीडियो कहकर आरोपों को खारिज कर दिया। भारत का कहना था कि जाधव पर दबाव डालकर यह वीडियो तैयार किया गया है।
वर्ष 2016 में आया था पहला वीडियो
पाकिस्तान ने मार्च 2016 में जाधव का पहला वीडियो जारी किया था। पाक ने इसे जाधव का कुबूलनामा बताया था। इस वीडियो में भी जाधव ने अनिल कुमार का नाम लिया था और उन्हें अपना बॉस बताया था। अप्रैल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद को बताया था कि पाकिस्तान जाधव के गलत वीडियोज के जरिए भारत के ऑफिसर्स पर इल्जाम लगा रहा है। पाकिस्तान हमेशा जाधव को भारत का जासूस कहता है। जबकि भारत का कहना है कि जाधव एक बिजनसेमैन हैं जो इंडियन नेवी से रिटायर होने के बाद ईरान में अपना बिजनेस चला रहे थे। मई में जाधव की फांसी पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी। जाधव के केस में अब अगस्त में आईसीजे फिर से सुनवाई करेगा।