जाधव के केस में पाक की पैरवी करने वाले वकील कुरैशी ने की थी कांग्रेस की मदद
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में पाकिस्तान की पैरवी करने वाले वकील खावर कुरैशी ने डाभोल पावर प्लांट केस लड़ने में की थी यूपीए सरकार की मदद।
नई दिल्ली। पाकिस्तान को इंटरनेशनल जस्टिस कोर्ट (आईसीजे) में गुरुवार को कुलभूषण जाधव के केस में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। इस केस में आईसीजे ने जब जाधव की फांसी को रोक दिया तो पाकिस्तान में वकील खावर कुरैशी और उनकी टीम पर सवालिया निशान उठने लगे। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2004 में इन्हीं कुरैशी की मदद से यूपीए सरकार ने एक केस लड़ा था।
वर्ष 2004 का मामला
एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी मूल के यूके वकील कुरैशी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने डाभोल पावर प्लांट प्रोजेक्ट केस में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए हायर किया था। इस केस में एनरॉन ने भारत सरकार पर छह बिलियन डॉलर का दावा ठोंका था। हालांकि यह केस बाद में पंचायत को भेज दिया गया था। वर्ष 2004 में जब यूपीए की सरकार सत्ता में आई तो उसने इस केस में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही लीगल टीम को बदल दिया और फिर कुरैशी को अप्वाइंट किया। द लॉयर.कॉम के मुताबिक कुरैशी को भारत की ओर से अपना वकील नियुक्त किया गया था। यह कदम नए अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति के बाद उठाया गया था जब पूरी टीम को बदल दिया गया था।
पाकिस्तान से लिए पांच करोड़ रुपए
इस पूरे मसले पर पाकिस्तान का कहना है कि कुरैशी एक इंडिपेंडेंट वकील हैं और पाकिस्तान की ओर से भी भारतीय वकीलों की मदद ली जाती है। कांग्रेस का कहना है कि यह कोई मुद्दा नहीं है। कुरैशी ने आईसीजे में जाधव के केस के लिए पाकिस्तान से पांच करोड़ रुपए की फीस ली थी। जाधव मामले पर आईसीजे का अंतरिम फैसला आने के बाद खावर कुरैशी को अपने देश में विरोध झेलना पड़ रहा है। लंदन में बसे पाक के बैरिस्टर राशिद असलम ने कहा कि पाकिस्तान इस केस के लिए पूरी तरह से तैयार ही नहीं था। पाक ने सुनवाई के लिए अपने 90 मिनट भी पूरे नहीं किए थे जबकि पाक को अपनी बहस पूरी करनी चाहिए थी।। पाक ने बहस के 90 मिनट में से 40 मिनट यूं ही बेकार कर दिए थे।
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