नोटबंदी के बाद कालेधन की शिकायत के लिए मोदी सरकार को मिले 38000 ईमेल
मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घडगे ने बताया कि उन्होंने ईमेल आईडी पर आई कुल शिकायतों के बारे में जानने के लिए यह कदम उठाया था।
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद वित्त मंत्रालय की ओर से कालेधन की सूचना देने के लिए जारी किए गए ईमेल आईडी पर 38000 से ज्यादा ईमेल आए हैं। हालांकि एक आरटीआई के जवाब में सीबीडीटी ने बताया कि इनमें से सिर्फ 16 फीसदी ईमेल की जांच के लिए भेजे गए।
वित्त मंत्रालय ने जारी किया था ईमेल
मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घडगे ने बताया कि उन्होंने ईमेल आईडी पर आई कुल शिकायतों के बारे में जानने के लिए यह कदम उठाया था। नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद वित्त मंत्रालय ने ईमेल आईडी जारी करके लोगों कालेधन के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराने को कहा।
32000 से ज्यादा ईमेल बिना जांच के छोड़े गए
7 अप्रैल को भेजे गए आरटीआई के जवाब के मुताबिक, कुल 38068 निजी ईमेल आए जिनमें से 6050 को आगे की जांच के लिए भेज दिया था। बाकी के 32018 ईमेल बिना किसी कार्रवाई के बंद कर दिए गए।
फर्जी थे ईमेल या अधिकारी गंभीर नहीं?
आरटीआई में कालेधन से जुड़ी ईमेल आईडी पर कितने ईमेल फर्जी आए ये सवाल भी पूछा गया था। हालांकि इसे जांच का विषय़ बताया गया। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि करीब 84 फीसदी ईमेल बिना किसी जांच के बंद कर दिए गए। इससे पता चलता है कि या तो ईमेल फर्जी थे या फिर अधिकारियों ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया।
नहीं मिला इस सवाल का जवाब
जितेंद्र घडगे ने एक और आरटीआई दायर करके सवाल किया है कि नोटबंदी के बाद 1 जनवरी 2017 तक कुल कितने पुराने नोट आरबीआई के पास जमा किए। हालांकि सेंट्रल बैंक ने इस सवाल को खारिज कर दिया।