दिग्विजय सिंह ने अब बताया-गोवा में क्यों नहीं बन पाई कांग्रेस की सरकार?
गोवा विधानसभा चुनावों में भाजपा से ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद कांग्रेस क्यों सरकार नहीं बना पाई। अब इस बात का खुलासा खुद दिग्विजय सिंह ने किया है।
नई दिल्ली। गोवा विधानसभा चुनावों में भाजपा से ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद कांग्रेस क्यों सरकार नहीं बना पाई। अब इस बात का खुलासा खुद दिग्विजय सिंह ने किया है। उन्होंने गोवा में सरकार न बना पाने के लिए अब कांग्रेस के राज्य स्तरीय नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही दिग्विजय सिंह ने इन आरोपों को भी खारिज करते हुए सोशल मीडिया साइट पर जवाब दिया। उन आरोप थे कि कांग्रेस का विधायक दल का नेता चुनने में कोई देरी की।
गठबंधन नहीं कर पाना हमारे लिए बड़ी गलती साबित
दिग्विजय सिंह ने गुरुवार एक के बाद एक कई ट्वीट करके अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व विजय सरदेसाई की पार्टी गोवा फॉरवर्ड से गठबंधन नहीं कर पाना हमारे लिए बड़ी गलती साबित हुई। दिग्विजय सिंह के मुताबिक राज्य के कांग्रेस नेतृत्व और विजय सरदेसाई के बीच विश्वास की कमी की वजह से ही ये गठबंधन नहीं हो पाया। अगर ऐसा होता तो आज तस्वीर दूसरी होती।
राहुल गांधी ने इसमें पूरी आजादी दे रखी थी
दिग्विजय सिंह ने अगले ट्वीट में लिखा कि ये कहना गलत और पक्षपातपूर्ण है कि विधायक दल का नेता चुनने में देरी की गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस काम को कुछ घंटों में ही कर दिया था और राहुल गांधी ने इसमें पूरी आजादी दे रखी थी। आपको बताते चले कि नितिन गडकरी और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने संसद में दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस महासचिव और गोवा चुनावों के प्रभारी गोवा में सैर कर रहे थे तब तक भाजपा ने गोवा में सरकार बना ली। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमलोगों की गलती विजय सरदेसाई की पार्टी गोवा फॉरवर्ड के साथ गठबंधन नहीं करना था, क्योंकि पार्टी गोवा में भाजपा विरोधी और मनोहर पर्रिकर विरोधी मानी जा रही थी।
विजय सरदेसाई को ही दोष देना गलत
दिग्विजय सिंह के मुताबिक इस पार्टी ने आगे चलकर भाजपा से गठबंधन कर लिया। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि इसके लिए विजय सरदेसाई को ही दोष देना गलत है। क्योंकि विजय सरदेसाई और गोवा कांग्रेस नेतृत्व के बीच विश्वास की कमी थी जिसका खमियाजा हमें भुगतना पड़ा। दिग्विजय सिंह ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा और मनोहर पर्रिकर ने मिलकर गोवा के लोगों का जनादेश चुरा लिया। गोवा के कांग्रेस प्रभारी दिग्विजय सिंह के मुताबिक पूरे प्रकरण में राज्य की राज्यपाल ने भी सरकारिया आयोग और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। यह निर्देश कहते हैं कि खंडित जनादेश की हालत में राज्यपाल को सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए।
गोवा की जनता को मूर्ख बनाते रहेंगे
दिग्विजय सिंह यह भी लिखा कि व्यक्तिगत लालच और महात्वाकांक्षा के लिए मनोहर पर्रिकर कितने समय तक गोवा की जनता को मूर्ख बनाते रहेंगे। बता दें कि गोवा के 40 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 17 सीटें जीती थीं। वहीं भाजपा के खाते में 13 सीटें ही आई थी। गोवा में सरकार बनाने के बाद भी कांग्रेस के विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं, कुछ दिन पहले ही विश्वजी राणे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।