राष्ट्रपति चुनाव 2017: विपक्ष बोला, आम सहमति वाला उम्मीदवार उतारे केंद्र नहीं तो आंदोलन होगा
विपक्ष की ओर से कहा गया कि राष्ट्रपति चुनाव में आम सहमति तभी बन सकती है जब मोदी सरकार इस पर चर्चा शुरू करे और हमें अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित करे।
नई दिल्ली। जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष ने अपना रुख साफ कर दिया है। कांग्रेस समेत प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने अहम फैसला लेते हुए कहा कि अगर केंद्र की एनडीए सरकार राष्ट्रपति पद के लिए सभी को स्वीकार्य आम सहमति वाला उम्मीदवार नहीं उतारती है तो विपक्ष इस मुद्दे पर अपना फैसला लेगा। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष की ओर से आंदोलन चलाया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से दिए भोज में करीब 17 विपक्षी दलों के शिरकत की। इस भोज के बाद ही विपक्षी दलों ने इस बात का ऐलान किया।
सोनिया गांधी की ओर से दिए गए भोज के बाद विपक्ष ने लिया फैसला
विपक्ष की ओर से कहा गया कि राष्ट्रपति चुनाव में आम सहमति तभी बन सकती है जब मोदी सरकार इस पर चर्चा शुरू करे और हमें अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित करे। जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा कि अगर सरकार की ओर से ऐसा नहीं किया जाता है तो हम बड़ा राजनीतिक आंदोलन शुरू करेंगे। इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सामान्य तौर पर सत्ता में रहने वाली पार्टी ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश शुरू करती है। अगर इस बार ऐसा नहीं किया जाता है और सभी विपक्षी दलों की आम राय का उम्मीदवार नहीं चुना जाता है तो विपक्षी पार्टियां आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगी। वहीं सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि अभी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर किसी भी नाम पर चर्चा नहीं हुई है, हम केंद्र सरकार की पहल का इंतजार कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों के नेताओं से कई दौर की बैठक हुई थी। इसमें विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश की गई। 26 मई को सोनिया गांधी ने सभी प्रमुख विपक्षी दलों को भोज के लिए आमंत्रित किया। इसमें 17 पार्टियों के नेताओं ने नुमाइंदगी की। इस भोज के बाद ही विपक्ष ने अपना पक्ष सामने रखा। हालांकि इस भोज बिहार के सीएम नीतीश कुमार नहीं पहुंचे। जिसको लेकर कई तरह के कयास लगाए गए, वहीं नीतीश कुमार आज प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आयोजित लंच में शामिल होंगे। हालांकि नीतीश कुमार ने इस संबंध में पहले ही सफाई देते हुए कहा कि जेडीयू की ओर से शरद यादव सोनिया गांधी के लंच में पहुंचे थे। उनके नहीं जाने का गलत मतलब निकाला गया।
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