सीमा विवाद पर विपक्ष ने दिया सरकार को सहयोग का भरोसा
नई दिल्ली। भारत की सीमा पर इन दिनों तनाव जारी है। जम्मू-कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान तो वहां सिक्किम के डोकलाम में चीन की दखल बढ़ती जा रही है, जिसे लेकर सीमा पर इन दोनों देशों के साथ भारत का सीमा विवाद बढ़ गया है। सीमा पर जारी इस तनाव को देखते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर ये बैठक हुई, जिसमें तमाम दलों के नेता मौजूद रहे।बैठक में विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए।
इस बैठक में राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज ने विपक्षी दलों के नेताओं को चीन से गतिरोध के साथ-साथ कश्मीर के हालात की जानकारी दी। बैठक में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले को लेकर चर्चा की गई। में सभी दलों ने सरकार को अपनी सहमति दी है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि विदेश मंत्री और विदेश सचिव ने सीमा मामले की पूरी जानकारी दी। सभी ने सरकार का समर्थन करने का वादा किया है। वहीं कांग्रेस के आनंद शर्मा ने भी सहमति का भरोसा जताया।
National security-priority of INC,advised them to tackle situation diplomatically,rising above politics for national interest:A Sharma,Cong pic.twitter.com/GPpqFZe1gC
— ANI (@ANI_news) July 14, 2017
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता देश की सुरक्षा है। सीताराम येचुरी ने कहा सरकार ने जानकारी दी कि वे बातचीत के जरिए हालात से निपटेंगे। वहीं टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन थोड़े नाखुश दिखे और कहा कि हमने कुछ गंभीर सवाल पूछे कि सरकार तैयार क्यों नहीं थी? हमें जवाब नहीं मिला। बैठक में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बारे में भी चर्चा की गई।
Asked serious questions. Why was govt unprepared & if this was their failure? We didn't get answers we were looking for: Derek O'Brien, TMC pic.twitter.com/3RsqsWUJ70
— ANI (@ANI_news) July 14, 2017
Govt said that they'll tackle the situation through dialogues. They also gave a clarification on the security lapses: Sitaram Yechury,CPI(M) pic.twitter.com/uMUZg6SPqw
— ANI (@ANI_news) July 14, 2017
बैठक
खत्म
होने
के
बाद
विदेश
मंत्रालय
के
प्रवक्ता
गोपाल
बागले
ने
मीडिया
को
जानकारी
दी
और
कहा
कि
वरिष्ठ
मंत्रियों
ने
सभी
राष्ट्रीय
दलों
को
डोकलाम
की
स्थिति
से
परिचित
कराया।
उन्होंने
बताया
कि
सभी
प्रतिभागियों
ने
भारत
के
प्रयास
का
पूरा
समर्थन
किया
और
राष्ट्रीय
एकता
पर
बल
दिया।
बागले
ने
जानकारी
दी
कि
बैठक
में
भारत
और
चीन
के
कूटनीतिक
संबंधों
के
बने
रहने
की
जरूरत
को
बताया
गया।