NSA अजित डोवाल के करीबी राजीव महर्षि को पीएम मोदी बनाएंगे जम्मू कश्मीर का राज्यपाल!
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल केएन वोहरा ने रिटायरमेंट के लिए अपने इरादे साफ कर केंद्र सरकार से उनका विकल्प तलाशने को कह दिया है। राज्य में आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक नीति पर आगे बढ़ती केंद्र सरकार राजीव महर्षि को राज्यपाल नियुक्त कर सकती है। सरकार को वर्तमान समय में एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो राज्य से जुड़े विषयों में महारत हासिल रखता हो। महर्षि पिछले कई वर्षों से राज्य की स्थिति पर नजर रख रहे हैं और इसी वजह से उन्हें यह जिम्मेदारी मिल सकती है।
कश्मीर के हालातों पर रखे हैं नजर
गृह सचिव महर्षि एनएसए अजित डोवाल के काफी करीब हैं। वह कश्मीर के हालातों पर नजदीक से नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा वह कश्मीर संकट से निबटने के लिए लिए गए हर बड़े फसैले में शामिल रहे हैं। पिछले वर्ष जुलाई में जब हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत हुई तो उसके बाद कई हाई लेवल मीटिंग्स का दौर चला। इन मीटिंग्स में कश्मीर के हालातों को काबू में करने वाले उपायों पर चर्चा हुई। महर्षि हर मीटिंग में शामिल थे। सिर्फ इतना ही नहीं जिस समय सरकार ने सेना को कश्मीर में आतंकियों का सामना करने के लिए खुली छूट दी तो उस समय भी महर्षि मौजूद थे।
अगले दो माह में पूरा होगा कार्यकाल
महर्षि अगले दो माह के अंदर अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे। दिल्ली के राजनीति गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि सरकार उन्हें वोहरा की जगह राज्यपाल नियुक्त करेगी। सरकार भी ऐसा ही नाम चाहती है तो कश्मीर और यहां के हालातों से वाकिफ हो। महर्षि के पास आंतरिक सुरक्षा से जुड़े हर अहम मुद्दे पर काफी अच्छा अनुभव है। इंटेलीजेंस ब्यूरों के कई अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि महर्षि इंटेलीजेंस और सिक्योरिटी ऑफिसर्स के बीच काफी अच्छे से सामंजस्य बिठा पाते हैं। इस वजह से भी सरकार उनके नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है और वह सरकार की पहली पसंद बन गए हैं। महर्षि का नाम सबसे ऊपर इसलिए भी है क्योंकि सरकार चाहती है राज्य के राज्यपाल भी सुरक्षा इंतजामों की देखरेख में सीधे तौर पर भागीदार बनें।