Exclusive: नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'ऑपरेशन ब्लैक' चला रहा आईएसआई
नई दिल्ली। जिस अमेरिका ने गुजरात दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी पर प्रतिबंध लगाया था, हाल ही में उसी अमेरिका ने मोदी के लिये आंखें बिछा दीं। भारत के प्रधानमंत्री के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा प्यार पहले कभी नहीं देखा गया, लेकिन आने वाले दिनों में यह प्यार कई सारे मामलों में बदल सकता है, जो मोदी पर लग सकते हैं। जी हां नरेंद्र मोदी को अभी से कई नये आरोपों के लिये तैयार रहना होगा। वो आरोप भारत के अंदर नहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगेंगे, क्योंकि पाकिस्तान मोदी के खिलाफ 'ऑपरेशन ब्लैक' चला रहा है।
ऑपरेशन ब्लैक पाकिस्तान द्वारा चलाया जा रहा वो अभियान है, जिसके अंतर्गत माइंड गेम खेल कर भारत के खिलाफ दुनिया के अलग-अलग देशों को एकजुट करना है, ताकि मोदी सरकार की चूलें हिल जायें। इसके लये कोएलिशन अगेंस्ट जीनोसाइड (सीएजी) तैयार की गई है, जो संयुक्त राष्ट्र अधिकार संगठन में मोदी के खिलाफ जल्द ही शिकायत दर्ज करने वाली है। सीएजी को मजबूत बनाने का काम 46 एनजीओ कर रही हैं, जिनमें से 16 पाकिस्तानी में रहने वाले अमेरिकी चला रहे हैं।
आईएसआई को मिल रहा धन
खुफिया विभाग की रिपोट्र के अनुसार यही सीएजी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को धन मुहैया करा रही है, ताकि भारत के खिलाफ रचने वाली साजिशों को वो अंजाम दे सके। यही नहीं आईएसआई ने कई एनजीओ को पैसा देकर इस बात के लिये तैयार किया है कि वो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत व मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकें।
क्या कहती हैं भारतीय एजेंसियां
ऑपरेशन ब्लैक पर निरंतर निगाहें बनाये रखने वाली भारतीय एजेंसियों का कहना है कि सीएजी व उससे जुड़े संगठन नरेंद्र मोदी के खिलाफ कुछ ऐसी शिकायतें करने वाले हैं, जिनमें कहा जायेगा कि मोदी ने हजारों लोगों के मानवाधिकारों का हनन किया। साथ ही किसी विशेष धर्म के खिलाफ कार्य किये। इस शिकायत के अंतर्गत खास तौर से गुजरात दंगों का मुद्दा उठाया जायेगा। यहां पर मुस्लिम ही नहीं ईसाई धर्म के लोगों को भी मोदी के विरुद्ध भड़काया जा सकता है।
भारत के खिलाफ मनोयुद्ध
असल में यह सब करके पाकिस्तानी एजेंसी भारत के खिलाफ मनोयुद्ध छेड़े हुए है। ऐसा करके आईएसआई ऐसा माहौल तैयार कर रहा है, जिसमें वो बाकी देशों से इस बात की सहमति हासिल कर सके, कि सरहद पर जिस प्रकार के हमले पाकिस्तान की ओर से किये जा रहे हैं, वो जायज हैं। आईएसआई यह जताना चाहती है कि मोदी की नई सरकार बाकी देशों से चाहे जितने अच्छे रिश्ते क्यों न स्थापित करने में लगी हो, लेकिन अपने पड़ोसी पाकिस्तान से मधुर संबंध बनाने की जगह उस पर हमले कर रही है।
ऑपरेशन ब्लैक के अंतर्गत आईएसआई जो कुछ भी कर रहा है, उसे लगता है कि इससे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संघ में भारत की किरकिरी होगी। आईएसआई को यह विश्वास है कि ऑपरेशन ब्लैक के सफल होने पर मोदी व भारत के दुश्मनों की संख्या में इजाफा होगा।
मोदी के खिलाफ भारतीयों से संपर्क
इस ऑपरेशन के तहत आईएसआई भारत में रहने वाले उन भारतीयों से संपर्क करने में जुटा है, जो मोदी के खिलाफ हैं। ताकि उसके ऑपरेशन को बल मिल सके और भारत में भी मोदी के विरुद्ध लोग खड़े हो सकें। आईबी की एक रिपोर्ट के अनुसार आईएसआई से जुड़ी एनजीओ ने करीब 300 भारतीयों को अपने साथ जोड़ लिया है, जो छोटे स्तर से लेकर संयुक्त राष्ट्र के मंच जैसे बड़े स्तर तक मोदी के विरुद्ध आवाज उठायेंगे।
आईएसआई को है किस बात का डर
इस ऑपरेशन के तहत आईएसआई को सिर्फ एक बात का डर है वो यह कि ऐसा करने पर कहीं चीन, श्रीलंका, अफगानिस्तान और नेपाल कहीं एक जुट होकर पाकिस्तान के विरुद्ध न खड़े हो जायें, क्योंकि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से उन्होंने इन सभी देशों के साथ सकारात्मक रिश्तों को मजबूत किया है।
आईएसआई ने अपने साथ सिखों को जोड़ा
आईएसआई ने ऑपरेशन ब्लैक के तहत अपने साथ देश के तमाम सिखों को भी जोड़ लिया है, जो कि मोदी व उनकी सरकार के विरुद्ध आवाज उठायेंगे। माना जा रहा है कि ये मामले सीधे संयुक्त राष्ट्र अधिकार संगठन की कोर्ट में उठाये जोंगे।
जमकर पैसा बहा रहा आईएसआई
मोदी के खिलाफ जाल बुन रहा आईएसआई अपने मिशन में सफल होने के लिये जम कर धन बहा रहा है। इसके लिये अपने एजेंटों के माध्यम से सीधे-साधे हिंदुस्तानियों को बहला-फुसला कर अपनी ओर कर रहा है। पैसे के बल पर आईएसआई भारत के अंदर हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई को बढ़ावा दे रहा है।
ऑपरेशन ब्लैक का अंतिम लक्ष्य
ऑपरेशन ब्लैक का अंतिम लक्ष्य है भारत पर बड़ा आतंकी हमला और वह तभी संभव हो सकेगा, जब भारत सरकार कमजोर पड़ेगी। आईएसआई अच्छी तरह जानता है कि नरेंद्र मोदी के रहते कोई भी गलत कदम खुद पाकिस्तान के लिये भारी पड़ सकता है, लिहाजा इस ऑपरेशन के तहत पहले प्रधानमंत्री और फिर देश को निशाना बनाने का प्लान है।