प्रेस रिव्यू: मणिपुर में है दुनिया का 'इकलौता' औरतों का बाज़ार
मणिपुर का औरतों का बाज़ार और दिल्ली में घटते गांवों पर एक नज़र अख़बारों में.
दैनिक भास्कर की विशेष प्रस्तुति वुमेन भास्कर ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ख़ास ख़बरें छापी है.
'वुमेन भास्कर' में छपी एक ख़बर के अनुसार मणिपुर से 16 वीं सदी में बना इमा बाजार शायद दुनिया का इकलौता ऐसा बाजार है जो महिलाएं चलाती हैं.
इमा बाजार का मतलब है मदर्स मार्केट. अख़बार के अनुसार इस बाजार के बसने के पीछे कहानी ये है - 16 वीं सदी के आस-पास पुरुष चावल के खेतों में काम करने जाते थे और घरों में अकेली महिलाएं की रहती थीं. धीरे-धीरे इन्हीं औरतों ने यह बाज़ार बसा दिया.
अख़बार के अनुसार यहां आज 3,500 महिलाएं दुकानें चलाती हैं.
'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी एक ख़बर के अनुसार भारत प्रशासित कश्मीर के शोपियां जिले में बंदूकों से लैस कम से कम 10 चरमपंथियों एक पुलिस अधिकारी के घर में घुसकर तोड़फोड़ की. उन्होंने पुलिस अधिकारी के घर में इलेक्ट्रोनिक सामान और खिड़कियों के शीशे तोड़े.
अख़बार के अनुसार चरमपंथियों ने परिवार वालों को धमकाया कि वो अधिकारी से नौकरी छोड़ने के लिए कहें वर्ना अंजाम बुरा होगा.
अख़बार कहता है कि ये यहां हुई इस तरह की पहली घटना है.
'हिंदुस्तान टाइम्स' में छपी एक ख़बर के अनुसार ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्नीकल एजुकेशन ने अकादमिक साल शुरू होने से पहले छात्रों की रैगिंग से संबंधित एक अधिसूचना जारी की है.
ख़बर के अनुसार कॉलेज में अपने साथियों की जाति, नस्ल या लैंगिक रुझान का मज़ाक उड़ाने पर इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को कॉलेज से निकाला जा सकता है.
अधिसूचना में रैगिंग की परिभाषा का विस्तार भी किया है और इसमें किसी नए छात्र को उनके रंग, नस्ल, धर्म, जातियता, लैंगिक रुझान, जन्म स्थान, घर या उनकी आर्थिक स्थिति को लेकर परेशान करना या शारीरिक प्रताड़ना शामिल किया गया है.
अख़बार में छपी एक अन्य ख़बर के अनुसार सरकार ने आधार कार्ड से जुड़ा पेमेंट सिस्टम 'आधार पे' लांच किया है.
'आधार पे' एक एंड्रायड ऐप है जिसके ज़रिए अब डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किए बिना ग्राहक आधार कार्ड का इस्तेमाल कर बिलों का भुगतान कर सकेंगे.
पेमेंट करने पर निजी कंपनियों को दिए जाने वाली फीस ग्राहक को निजात मिलेगी. इसके लिए आधार कार्ड का नंबर डालना होगा और पासवर्ड होगा आपके अंगूठे का निशान.
'जनसत्ता' में छपी एक ख़बर के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और सभी दलों के नेताओं ने डेढ़ महीने में उत्तर प्रदेश में 700 सभाएं कीं.
सबसे अधिक 221 सभाएं की सपा के अखिलेश यादव ने, जिसके बाद हैं भाजपा के अमित शाह जिन्होंने 100 चुनावी सभाएं कीं.
अख़बार का कहना है कि इसके बावजूद अब तक कोई भी राजनीतिक दल पूरे आत्मविश्वास के साथ बहुमत हासिल करने का दावा नहीं कर पा रहा है.
'दैनिक जागरण' में छपी एक ख़बर के अनुसार दिल्ली में गांवों की संख्या घट रही है.
विधानसभा में पेश की गई साल 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की 97.5 फीसद आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है.
दिल्ली का ग्रामीण क्षेत्र 2001 में 558.32 वर्ग किलोमीटर था, गांवों की संख्या थी 165. 2011 में ग्रामीण क्षेत्र घटकर 369.35 वर्ग किलोमीटर ही रह गया और गांवों की संख्या भी घटकर 112 रह गई.