भालु को हुआ दांत में दर्द तो डॉक्टरों ने किया रूट कैनाल ट्रीटमेंट
नई दिल्ली। दांत में कोई तकलीफ होती है तो आपको डॉक्टर के पास जाकर रूट कैनाल ट्रीटमेंट कराने को कहा जाता है। आपको दांत के डॉक्टर के पास जाने में डर भी लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी ही तरह भालु को भी दांत में तकलीफ होती है और उसे भी रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है।
19 भालुओं की सर्जरी
अपनी तरह की पहली ऐसी सर्जरी में एक एनजीओ के डॉक्टर्स ने एक दो नहीं बल्कि पूरे 19 भालुओं के दांतों का ट्रीटमेंट किया।
एनजीओ वाइल्ड लाइफ एसओएस ने उत्तर प्रदेश के आगरा में डॉक्टरों की एक पूरी टीम के साथ भालुओं के दांत की सर्जरी की है।
इस एनजीओ को इस सर्जरी में यूनाइटेड किंगडम से भी सपोर्ट मिला। आगरा स्थित भालु संरक्षण केंद्र में उन 19 भालुओं को यह ट्रीटमेंट दिया गया है जो गली-गली में नाचकर लोगों का मनोरंजन करते थे।
इन भालुओं में से ही एक है मैडी जिसे केंद्र में उस समय लाया गया था जब उसकी मां को शिकारियों ने मार डाला था।
दांतों में हो गया था ट्यूमर
इन भालुओं के दांत टूट जाने की वजह से उन्हें ट्यूमर की शिकायत हो गई थी। करीब तीन घंटे तक चली सर्जरी के बाद इन भालुओं को दर्द से निजात दिलाई जा सकी।
इस सर्जरी में डॉक्टरों की टीम को यूके से आए कुछ वेटेनरी डेंटिस्ट्स की भी मदद मिली। आपको बता दें कि वाइल्डलाइफ एनजीओ पिछले 17 वर्षों से भालुओं की रक्षा में लगा हुआ है।
अब तक करीब 600 भालुओं की जिंदगी इस एनजीओ ने बचाई है और इन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में बने केंद्रो में रखा गया है। आगरा स्थित संरक्षण केंद्र करीब 200 भालुओं का घर है।
अब खुश हैं सारे लोग
एनजीओ के वेटनरी डायरेक्टर डॉक्टर अरुण ए शा कहते हैं कि सर्जरी के बाद भालुओं में अब ठीक होने के लक्षण नजर आने लगे हैं। इन भालुओं को दो हफ्ते तक फलों को सप्लीमेंट्स और दर्द की दवाईयों के साथ खाने को दिया जाएगा। वहीं
एनजीओ के को-फाउंडर और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण कहते हैं कि दांत में इंफेक्शन की वजह से भालुओं के स्वास्थ्य पर खासा असर पड़ रहा था। लेकिन अब वह खुश हैं कि इन भालुओं को दर्द से छुटकारा मिल सका है।
वहीं
इंटरनेशनल
एनीमल
रेस्क्यू
के
सीईओ
एलन
नाइट
कहते
हैं
कि
यूके
से
आई
डेंटिस्ट्स
और
वेटनेरी
डॉक्टर्स
की
टीम
ने
इन
भालुओं
को
चेक
किया।
इसके
बाद
डेंटल
टीम
और
एनजीओ
के
वेटनरीज
की
टीम
ने
इन
भालुओं
को
एक
नई
जिंदगी
दी।