कैसा होगा ओबामा का मिजाज़ जब मोदी बात करेंगे पाकिस्तान की?
नई
दिल्ली
(ब्यूरो)।
अमेरिका
के
राष्ट्रपति
बराक
ओबामा
महात्मा
गांधी
को
श्रद्धांजलि
अर्पित
करने
के
तुरंत
बाद
हैदराबाद
हाउस
पहुंचे।
यहां
पर
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
साथ
उनकी
वार्ता
शुरू
होगी।
जाहिर
है
राउंड
टेबल
पर
अमेरिकी
और
भारतीय
दोनों
के
प्रतिनिधिमंडल
आर्थिक,
सामाजिक
और
विकासशील
मुद्दों
पर
चर्चा
करेंगे
और
उन
सबके
बीच
होगी
आतंकवाद
पर
चर्चा।
यह
वो
मौका
होगा
जब
नरेंद्र
मोदी
पाकिस्तान
पर
बेहद
कठोर
नजर
आयेंगे।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान की हरकतों पर से पर्दा उठाने के साथ-साथ एक भी कोना नहीं छोड़ेंगे। यह जरूरी भी है, क्योंकि तमाम हिदायतों और चेतावनियों के बाद भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। इसका ताजा उदाहरण बीती रात जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में बीएसएफ की चौकियों पर हुई गोलीबारी है।
वनइंडिया से खास बातचीत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जितने भी मुद्दे ओबामा के समक्ष रखे जायेंगे, उनमें सबसे महत्वपूर्ण पाकिस्तान का मुद्दा होगा।
क्या-क्या बात रखेंगे मोदी-
- अमेरिका जो धन पाकिस्तान की मदद के लिये दे रहा है, उसे वो आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिये इस्तेमाल कर रहा है।
- पाकिस्तान में खुले आम घूम रहे आतंकवादियों को सबक सिखाने का समय अब आ गया है। ये वो हैं जो भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
- आतंकियों पर ईनाम रखना अब पुरानी प्रथा हो गई है, इनके सफाये के लिये एक नई रणनीति बनानी होगी।
- पाकिस्तान अब कश्मीर से अपनी निगाहें हटाकर भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को जोड़ना शुरू करे।
- पाकिस्तान से जो कुछ भी रिश्ते बनेंगे, उनमें अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
- दाउद इब्राहिम भारत के लिये हमेशा से खतरा बना हुआ है। पाकिस्तान पर अब दबाव बनाना जरूी हो गया है।
- अगर अमेरिका दबाव बनाये तो दाऊद को पाकिस्तान सरकार खुद पकड़कर भारत के हवाले कर सकती है।
क्या करेगा और क्या नहीं करेंगे ओबामा
-
विशेषज्ञों
का
कहना
है
कि
मोदी
द्वारा
पाकिस्तान
से
जुड़े
मुद्दे
रखे
जाने
पर
ओबामा
गंभीरता
से
विचार
जरूर
करेंगे।
-
अमेरिका
फिर
भी
पूरी
तरह
से
पाकिस्तान
के
खिलाफ
नहीं
खड़ा
होगा।
-
मोदी
की
बातों
के
बाद
ओबामा
आर्थिक
सहायता
का
हवाला
देकर
पाकिस्तान
पर
कुछ
दबाव
जरूर
बना
सकते
हैं।
-
अमेरिका
की
हमेशा
से
नीति
रही
है,
कि
वो
भारत
को
नाराज़
कर
सकता
है,
लेकिन
पाकिस्तान
को
नहीं।
- विशेषज्ञों का मानना यह भी है कि अमेरिका पूरी तरह पाकिस्तान के खिलाफ इसलिये नहीं होगा, क्योंकि अगर भविष्य में भारत के खिलाफ जंग छेड़नी पड़ी तो
- पाकिस्तान सबसे अच्छा दोस्त बन सकता है।