18,000 से कम सैलरी पाने वाले कामगारों को अब नए तरीके से होगा भुगतान
देश में 8 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के विमुद्रीकरण के फैसले के बाद अब अधिक से अधिक लोगों को कैशलेस बनाने की योजना पर काम चल रहा है।
नई दिल्ली। देश में 8 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के विमुद्रीकरण के फैसले के बाद अब अधिक से अधिक लोगों को कैशलेस बनाने की योजना पर काम चल रहा है। अब सरकार की योजना आगे चलके देश में काम औद्योगिक कारखानों में काम करने वाले लाखों श्रमिकों को अब सीधे उनके बैंक खाते में ही सैलरी दिए जाने का निर्णय सरकार कर सकती है।
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क्या वास्तव में श्रमिकों को वास्तविक वेतन मिल रहा है कि नहीं
ईटी की खबर के मुताबिक सरकार योजना बना रही है कि औद्योगिक कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों को अब सरकार सीधे उनके बैंक खाते में सैलरी पहुंचाने का नियम बनाने जा रही है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट के एक प्रस्तावित नोट के मुताबिक सरकार कैशलेस बनाने के साथ-साथ यह भी देखना चाहती है कि क्या वास्तव में श्रमिकों को वास्तविक वेतन मिल रहा है कि नहीं।
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सैलरी का भुगतान डिजिटल बैंकिंग से
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार जल्द ही पारिश्रमिक भुगतान कानून को संशोधित करने वाली है जिससे कर्मचारियों को उनके वेतन का भुगतान चेक के माध्यम से या दूसरे माध्यम से सीधे बैंक खाते में किया जा सके। खबर में यह भी पता चला है कि ट्रेड यूनियनें मांग कर रही हैं कि कर्मचारियों का वेतन डिजिटल बैंकिंग के जरिए किया जाए और साथ पारिश्रमिक भुगतान कानून संशोधित किया जाए।
18,000 से कम सैलरी वालों को किया जाएगा शामिल
प्रस्ताव के मुताबिक ऐसे कामगार जिनकी मासिक आय 18,000 रुपए से अधिक नहीं, उन सभी डिजिटल बैंकिंग के जरिए सैलरी का भुगतान किया जाएगा। पारिश्रमिक भुगतान कानून को संशोधित करने के साथ ही सरकार कारखानों में काम करने वाले कामगारों के लिए सीधे खाते में या चेक से वेतन भुगतान को अनिवार्य करने के बारे में विचार कर रही है।
कानून में करना होगा संशोधन
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे, एयर, बस ट्रांसपोर्ट और खदानों सहित बहुत से असंगठित क्षेत्रों में काफी काम ठेकेदार के माध्यम से होता है। कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं कि ठेकेदार श्रमिकों के साथ धोखाधड़ी करते हुए पकडे गए हैं। इस नए नियम को बनाने के लिए सरकार को पारिश्रमिक भुगतान अधिनियम, 1936 की धारा 6 में संशोधन करेना होगा।
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