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पीएम मोदी से अवॉर्ड लेने से मना करने वाले अक्षय मुकुल कौन हैं...

अक्षय मुकुल टाइम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने करीब 20 साल रिपोर्टिंग की है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की विचारधारा का वो बहिष्कार करते हैं।

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नई दिल्ली। रामनाथ गोयनका जर्नलिज्म अवॉर्ड्स में वरिष्ठ पत्रकार अक्षय मुकुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अवॉर्ड लेने से इंकार कर दिया। आखिर अक्षय मुकुल कौन हैं और उन्होंने पीएम मोदी से अवॉर्ड क्यों नहीं लिया?

akshay mukul

पीएम मोदी से अवॉर्ड लेने से किया इंकार

अक्षय मुकुल टाइम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने करीब 20 साल रिपोर्टिंग की है। अक्षय मुकुल को उनकी किताब गीता प्रेस एंड मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया के लिए यह अवॉर्ड दिया गया।

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उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की विचारधारा का वो बहिष्कार करते हैं। इसी के विरोध स्वरूप उन्होंने पुरस्कार लेने से मना किया।

कारवां मैगजीन को दिए इंटरव्यू अक्षय मुकुल ने बताया कि पीएम मोदी की और उनकी विचारधारा अलग है। पीएम मोदी जिस समय मुझे अवॉर्ड दे रहे थे तो कैमरे में देखकर मुस्कुरा रहे थे।

20 साल तक की है रिपोर्टिंग

वरिष्ठ पत्रकार अक्षय मुकुल ने कहा कि मैं मोदी की विचारधारा के साथ जीवित नहीं रह सकता। मैं उनकी और खुद की विचारधारा को एक फ्रेम में नहीं रख सकता।

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अक्षय मुकुल ने कहा कि ऐसा मेरे लिए असहनीय था। इसलिए मैंने उनसे अवॉर्ड नहीं लिया। उन्होंने कहा कि अवॉर्ड के लिए चुना जाना मेरे लिए सम्मान की बात है। हालांकि रामनाथ जी हमेशा अपने आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध थे।

बता दें कि अक्षय मुकुल को उनकी किताब गीता प्रेस एंड मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया के लिए यह अवॉर्ड दिया गया।

'गीता प्रेस एंड मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया' के लिए अवॉर्ड

अक्षय मुकुल की जगह हार्पर कॉलिंस के चीफ एडिटर और पब्लिशर कृशन चोपड़ा ने अवॉर्ड लिया। ये किताब हिंदुत्व की विचारधारा का मार्ग तलाशती है।

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अक्षय मुकुल ने करीब 20 साल तक बतौर रिपोर्टर काम किया है। मुकुल को नॉन फिक्शन बुक की कैटेगरी में यह अवॉर्ड दिया गया है।

अगस्त 2015 में रिलीज होने के बाद से ही उनकी ये किताब चर्चा में रही है। टाटा लिटरेचर लाइव, बुक ऑफ द ईयर अवॉर्ड समेत कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।

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English summary
Can not take award from Modi Journalist Akshaya mukul boycotts Goenka awards ceremony.
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