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नये विदेश सचिव एस जयशंकर हमेशा रहे प्रधानमंत्री की पसंद

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नईदिल्ली (विवेक शुक्ला)। हालांकि तब सोनिया गांधी ने सुजाता सिंह के हक में अपना एक तरह से मत दिया था। जिसके चलते सुजाता सिंह विदेश सचिव बनीं। जानकारों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डा. एस जयशंकर की क्षमताओं से बहुत अच्छी तरह से वाकिफ हो गए थे। खास कर अपनी अमेरिका यात्रा के बाद से। उस सफलता में जयशंकर की अहम भूमिका रही थी। इसके बाद ओबामा की हालिया भारत यात्रा की सफलता में भी रूसी भाषा के जानकार जयशंकर की खास भूमिका रही थी।

किसके पुत्र

जयशंकर देश के महान रक्षा मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रमण्यम के पुत्र हैं। वे 1950 बैच के आईएएस टापर थे। उनके छोटे भाई डा. संजय सुब्रमण्यम चोटी के इतिहासकार हैं। अमेरिका में भारत के राजदूत एस जयशंकर को बुधवार देर शाम सुजाता सिंह के स्थान पर देश का नया विदेश सचिव बनाया गया। सुजाता सिंह के कार्यकाल में क़रीब छह माह का समय बचा था।

कैसे देखा जाए

जानकार मानते हैं कि इस मामले को सुजाता को हटाने की दृष्टि से नहीं बल्कि जयशंकर की नियुक्ति के हिसाब से देखना चाहिए। सरकार चाहती थी कि वो ऐसे व्यक्ति को विदेश सचिव बनाए जिस पर उन्हें पूरा भरोसा हो। पूर्व में शिवशंकर मेनन को भी कई वरिष्ठ अधिकारियों पर वरीयता देते हुए विदेश सचिव बनाया गया था। सुजाता सिंह का दो वर्ष का कार्यकाल जुलाई, 2015 में समाप्त होना था।

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English summary
Jaishankar has been appointed as foreign secretary of India. Did you know that not only Prime Minister Narendra Modi, former one Manmohan Sigh was also fond of him.
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