पूर्वोत्तर की महिला को पारंपरिक वेशभूषा की वजह से किया क्लब से बाहर
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्य की महिला के साथ एक और बड़ा भेदभाव का मामला सामने आया है। देश की राजधानी में एक महिला को सिर्फ इसलिए गोल्फ क्लब से बाहर जाने के लिए कहा गया क्योंकि उसने अपनी पारंपरिक खासी वेशभूषा धारण की थी, क्लब के लोगों ने इस वेशभूषा को काम करने वाली महिला की पोशाक समझकर क्लब में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
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असम सरकार में स्वास्थ्य सलाकर के रूप में कार्य कर रही तैलिन लिंगदोङ ने आरोप लगाया है कि दिल्ली क्लब के स्टाफ ने उसे सिर्फ इसलिए बाहर जाने के लिए कहा क्योंकि वह अपनी पारंपरिक पोशाक खासी में थी जोकि काम करने वाली महिला के कपड़े की तरह था। तैलिन ने कहा कि क्लब के लोगों ने मुझसे बड़ी ही अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जिसके बाद मैं शर्मिंदा थी और मुझे गुस्सा भी था। इन लोगों ने मुझसे कहा कि यह कपड़े क्लब में पहनकर नहीं आ सकते हैं।
आपको हॉल से बाहर जाना होगा...
जिस वक्त तैलिन क्लब में जा रही थी, उनके साथ उनके कर्मचारी निवेदिता भर्ताकुर भी साथ थी, इन लोगों को दिल्ली गोल्फ क्लब आने का न्योता दिया गया था। निवेदिता ने आरोप लगाया कि जिस वक्त खाना खाने का समय हुआ था उससे ठीक 10 मिनट पहले क्लब के दो कर्मचारी हमारे पास और उन्होंने तैलिन को बाहर जाने के लिए कहा। क्लब के एक कर्मचारी ने कहा कि आपको हॉल से बाहर जाना होगा क्योंकि काम करने वाली महिला को अंदर आने की अनुमति नहीं है।
दिल्ली क्लब के अधिकारियों कुछ कहने से इनकार कर दिया
वहीं इस पूरे मामले में दिल्ली क्लब के अधिकारियों कुछ कहने से इनकार कर दिया है। इस घटना के बाद निवेदित ने कहा कि हमने क्लब को छोड़ दिया, हमें ऐसा महसूस हो रहा था कि हमारे सम्मान को सबके सामने तार-तार किया गया, महज पूर्वोत्तर भारत का होने की वजह से और हम अलग दिखते हैं इस वजह से हमारे से भेदभाव किया गया। इस घटना के बाद निवेदित ने अपने फेसबुक अकाउंट पर भी इस घटना के बारे में लिखा, उन्होंने लिखा कि यह पूर्वोत्तर भारतीयों के साथ होने वाले भेदभाव का एक उदाहरण है।