पुणे के कई इलाकों में पानी की भारी किल्लत, हाईकोर्ट ने नए घर बनाने पर लगाया रोक
महाराष्ट्र के पुणे में दिन पर दिन बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने पुणे के बाणेर और बालेवाडी परिसर में नई निर्माण कार्य को अनुमति नहीं देने का आदेश दिया है।
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में दिन पर दिन बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने पुणे के बाणेर और बालेवाडी परिसर में नई निर्माण कार्य को अनुमति नहीं देने का आदेश दिया है। पुणे महानगरपालिका को आदेश देते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक किसी भी नए निर्माण कार्य को एनओसी नहीं दिया जाए।
इसके पूर्व ठाणे के घोडबंदन परिसर में भी हाइकोर्ट ने नए निर्माणकार्यों को अनुमित नहीं देने का आदेश दिया था। पुणे के बाणेर और बालेवाडी परिसर में पानी की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इस संदर्भ में पुणे महानगरपालिका के नगरसेवक अमोल बालवडकर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। साथ ही घोडबंदर के निवासी मंगेश शेलार ने पानी की समस्या को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। केंद्र सरकार के नियमानुसार महानगरपालिका को रोज प्रति व्यक्ति 150 लीटर पानी सप्लाई करना होता है लेकिन ठाणे और पुणे महानगरपालिका इन नियमों में खरी साबित नहीं हो रही, ऐसा याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिन प्रतिदिन बढ़ रही पानी की समस्या पर चिंता व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए महानगरी की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए पानी की आपूर्ति बढ़ाना जरूरी हो गया है, अन्यथा वहां की जनसंख्या को सीमित रखने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। इस संदर्भ में पुणे और ठाणे महानगरपालिका को 2 हफ्तों में उत्तर देने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है।