पेट्रोल पंप पर कार्ड से भुगतान करने पर नहीं लगेगा कोई अतिरिक्त शुल्क: सरकार
अगर आप भी डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल पंप पर भुगतान करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब आपको कार्ड से भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा।
नई दिल्ली। पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा भुगतान के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड स्वीकार न किए जाने की धमकी देने के बाद सरकार ने सोमवार को घोषणा की है कि पेट्रोल पंप पर कार्ड से भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि पेट्रोल पंप 13 जनवरी के बाद भी डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां और बैंकों के बीच इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि आखिर कौन मर्चेंट डिस्काउंट रेट चार्ज का भार उठाएगा। दरअसल, कुछ बैंकों ने उनके कार्ड से भुगतान किए जाने पर एक प्रतिशत का ट्रांजैक्शन चार्ज लगाना शुरू किया है। इसके बाद ही पेट्रोल पंपों की तरफ से यह धमकी दी गई थी कि वह सोमवार 9 जनवरी से डेबिट और क्रेडिट कार्ड स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि, बाद में इस तारीख को बदलकर 13 जनवरी कर दिया गया।
बैंकों
ने
फैसला
लिया
था
कि
पेट्रोल
पंप
मालिकों
से
ट्रांजैक्शन
फीस
वसूली
जाएगी।
इस
फैसले
के
विरोध
में
ऑल
इंडिया
पेट्रोलियम
डीलर्स
एसोसिएशन
ने
सोमवार
से
कार्ड
पेमेंट
स्वीकार
नहीं
करने
की
घोषणा
कर
दी
थी।
एसोसिएशन
के
अध्यक्ष
अजय
बंसल
ने
बताया
कि
बैंकों
ने
पेट्रोलियम
डीलर्स
को
यह
सूचना
दी
थी
कि
वे
9
जनवरी
से
क्रेडिट
कार्ड
से
होने
वाले
लेन-देन
पर
1
फीसदी
और
डेबिट
कार्ड
से
होने
वाले
लेनदेन
पर
0.25
फीसदी
से
1
फीसदी
के
बीच
फीस
वसूलेंगे।
जिसके
बाद
एसोसिएशन
ने
फैसला
लिया
कि
देशभर
में
पेट्रोल
पंप
आउटलेट्स
पर
9
जनवरी
से
डेबिट
और
क्रेडिट
कार्ड
से
भुगतान
स्वीकार
नहीं
किया
जाएगा।
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नोटबंदी
के
बाद
सिर्फ
75
हजार
करोड़
के
पुराने
नोट
आने
बाकी,
14.5
लाख
करोड़
रुपए
हुए
बैंकों
में
जमा
अजय
बंसल
ने
कहा
कि
डीलर्स
का
कुल
मार्जिन
2.5
फीसदी
है।
इसमें
उन्हें
स्टाफ
कॉस्ट
और
अन्य
मैंटेनेंस
के
खर्च
भी
भरने
होते
हैं।
ऐसे
में
इतने
कम
मार्जिन
में
बैंक
को
फीस
देना
रीटेल
आउटलेट्स
के
लिए
संभव
नहीं
है.
उन्होंने
कहा
कि
पेट्रोलियम
डीलर्स
अपने
फायदे
के
लिए
कीमतें
भी
नहीं
बढ़ा
सकते।
ऑल
इंडिया
पेट्रोलियम
डीलर्स
एसोसिएशन
की
ओर
से
कार्ड
पेमेंट
स्वीकार
न
करने
की
घोषणा
के
बाद
बैंकों
ने
एक
बार
फिर
अपने
फैसले
पर
विचार
किया
और
फिलहाल
इसे
टाल
दिया
है।
आने
वाले
कुछ
दिनों
में
सभी
स्टेकहोल्डर्स
की
बैठक
होगी
और
फैसले
को
लेकर
विचार
विमर्श
होगा
जिसमें
उन
तरीकों
की
चर्चा
होगी
जिससे
डीलर्स
का
नुकसान
न
हो।