Exclusive Interview: केजरीवाल के खिलाफ कोई साजिश नहीं
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को लेकर चल रही उठापटक शांत नहीं हो रही है। मजेदार बात यह है कि हर कोई आप पार्टी के अंदर चल रही कलाबाजियों के बारे में जानना भी चाहता है। ऐसे में हमने बात की आप पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पृथ्वी रेड्डी से। इस खास बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि केजरीवाल के खिलाफ पार्टी में कोई साजिश नहीं चल रही है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने वनइंडिया से बताया कि जो कुछ भी विवाद उठे हैं, वो सिर्फ एक दूसरे के बीच ठीक से संचार स्थापित नहीं कर पाने की वजह से है। हमने उनसे कुछ सवाल पूछे जिसके उत्तर इस प्रकार हैं-
प्र. अचानक पार्टी सदस्यों के बीच उठापटक शुरू होने का क्या कारण है?
उ. इंडिया अगेंस्ट करप्शन की जंग में हम सभी साथ आये। हमने लोकतांत्रिक ढंग से अपनी पार्टी को खड़ा किया। यह भी है कि पार्टी में अलग-अलग प्रकार की सोच के लोग शामिल हुए हैं। वे अलग-अलग बैकग्राउंड से हैं। जाहिर है ऐसे में लोगों के बीच कम्यूनिकेशन गैप बनना संभव है।
प्र. ऐसी कौन सी बाते हैं जो अभी भी छिपी हुई हैं?
उ. ऐसी कोई बात नहीं है, जो छिपी है। हम सबने मिल कर चुनाव लड़ा। हम सभी का एक मकसद था, वो चुनाव जीतना। हममें से किसी के पास इतना समय ही नहीं था कि एक दूसरे की कमियां निकालते फिरें। अब चुनाव खत्म हो गये हैं, आप लोगों को लग रहा है कि हम एक दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं, जबकि सच तो यह है कि पार्टी के अंदर कोई जटिल विवाद है ही नहीं।
प्र. केजरीवाल के खिलाफ क्या कोई साजिश रची जा रही है?
उ. मेरे हिसाब से ऐसा कुछ भी नहीं है। जैसा कि मैंने कहा कि कुछ मतभेद हैं, लेकिन मन भेद नहीं हैं। उन मतभेदों को भी दूर किया जा रहा है।
प्र. प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के विरुद्ध क्या कोई कार्रवाई की जायेगी?
उ. हर पार्टी में समस्यायें होती हैं। आप पार्टी की बात सामने इसलिये आयी, क्योंकि हमारे सदस्य खुलकर बोले। हम इस बात पर विश्वास नहीं करते हैं, कि जो बोले उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाये। हां यह जरूर है कि कुछ सदस्य हैं, जो जिम्मेदाराना व्यवहार नहीं कर रहे हैं। उस पर हम विचार करेंगे।
प्र. क्या आम आदमी पार्टी के अंदर तानाशाही होती है?
उ. मुझे नहीं लगता। पार्टी का काम करने का एक तरीका है और हम सभी उसे ही फॉलो करते हैं। पार्टी में हर किसी को बोलने का अधिकार है। आज जब कुछ विवाद खड़े हुए हैं, तब लोग यह सोच रहे हैं कि पार्टी में तानाशाही चल रही है, जबकि सही मायने में ऐसा कुछ भी नहीं है।