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तो एक बार फिर 10 बहादुरों ने सियाचिन में गंवा दी अपनी जान!

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नई दिल्‍ली। बुधवार को सियाचिन में आए हिमस्‍खलन की चपेट में आए मद्रास रेजीमेंट के 10 जवानों की तलाश जारी है। 24 घंटे बीत जाने के बाद भी इनका कोई पता नहीं लग सका है।

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एक जेसीओ और रेजीमेंट के नौ जवान 19,000 फीट की ऊंचाई पर जाने कहां हैं। इंडियन आर्मी के साथ इंडियन एयरफोर्स भी रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में शामिल है, फिर भी कोई नई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

21 वर्ष बाद सियाचिन में मिली बहादुर सैनिक की लाश

सभी जवानों बर्फ में दबे होने की आशंका है। इस बीच इंडियन आर्मी की ओर से कहा गया है कि 10 जवानों के मिलने की संभावना बहुत ही कम है।

ऐसे में फिर वही डर सता रहा है कि क्‍या एक बार फिर सियाचिन में 10 बहादुरों ने समय से पहले ही अपनी जान गंवा दी है। बुधवार को सुबह 8:30 बजे यह हिमस्‍खलन उस समय हुआ जब आर्मी कैंप के 10 जवान पेट्रोलिंग पर थे।

कौन-कौन सी मुश्किलों को सहते हैं हमारे सैनिक सियाचिन पर

रक्षा मंत्रालय के नॉर्दन कमांड के स्‍पोक्‍सपर्सन एसडी गोस्वामी ने बताया है कि सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और हम इसे लेह और उधमपुर से मॉनिटर कर रहे हैं।

उन्होंने पुष्टि‍ की कि लापता हुए सेना के 10 जवानों में जूनियर कमीशंड ऑफिसर रैंक का एक अफसर और 9 जवान शामिल हैं।

गौरतलब है कि तीन को हिमालयन रेंज के लद्दाख में आए हिमस्खलन में सेना के चार शहीद हो गए थे। सियाचिन दुनिया का हाइएस्‍ट वॉर जोन है जहां से भारत, पाकिस्‍तान के साथ ही चीन पर भी नजर रखता है।

Comments
English summary
Wednesday an avalanche hit Indian army's post situated at 19000 feet in Siachen glacier. Thursday Indian Army has said that there are very remote chances of finding 10 soldiers from Madras regiment.
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