मिडिल क्लास के अच्छे दिन कब आएंगे जेटली जी
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) क्या वित्त मंत्री अरुण जेटली अच्छे दिनों का सपना साकार करने जा रहे हैं ? उस सपने को जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते लोकसभा चुनावों की कैंपेन के समय देश को दिखाया था। उनसे मिडिल क्लास निराश होगा। रेस्त्रां और होटल में खाना-पीना महंगा हो जाएगा। सर्विस टैक्स को बढ़ाकर 12.36 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी किया गया।
पर अरुण जेटली से मिडिल क्साल को टैक्स में कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी। वह उम्मीद पूरी नहीं हुई। इनकम टैक्स मामलों के जानकार सुरेन्द्र गंभीर कहते हैं कि बजट में चैक्स में राहत मिलनी चाहिए थी। सरकार को टैक्स नेट बढ़ाना चाहिए था। उसने उनको भी राहत नहीं दी जो उसे ईमानदारी से टैक्स देते हैं। आम बजट में नौकरीपेशा लोगों को कोई राहत नहीं दी है। इनकम टैक्स की छूट और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
जानकारों का कहना है कि अभी तक ढाई लाख रुपये की इनकम पर टैक्स में छूट मिलती थी। यही छूट अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहेगी। हालांकि माना जा रहा था कि इनकम टैक्स छूट बढ़ेगी।
अब मिडिल क्लास के लिए कुछ खास बातें।ऑर्गेनिक एलईडी टीवी पैनल पर कस्टम ड्यूटी खत्म। एलईडी टीवी सस्ते हो जाएंगे। इलेक्ट्रिल और हाईब्रिड व्हीडकल्स पर एक्साइज ड्यूटी खत्म की गई। ऐसे में ये गाड़ियां सस्ती हो जाएंगी।जूते सस्ते किए गए। 1000 रुपए से कम कीमत वाले जूते पर एक्सासइज ड्यूटी घटाकर 6 फीसदी की गई। तंबाकू और सिगरेट महंगे। एक्सा्इज ड्यूटी 12 फीसदी बढ़ाकर 12.5 फीसदी की गर्इ।
हो सकता है कि वे अपने आज पेश किए बजट में पूरी तरह से अच्छे दिन ना ला पाए हों पर उन्होंने इस लिहाज से एक सार्थक पहल तो की है। उन्होंने अल्पसंख्यकों के हित में भी योजना की घोषणा की।
‘मंजिल' योजना
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में अल्पसंख्यक समुदाय का भी ध्यान रखते हुए अल्पसंख्यक युवाओं के लिए ‘मंजिल' योजना चलाने की बात कही। इस योजना के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय को 2015-16 के लिए 3,738 करोड रुपये का प्रावधान भी किया। मुस्लिम मामलों के जानकार मकसूद अहमद कहते हैं कि अरुण जेटली ने एक ईमानदार बजट पेश किया है।