प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए देश की राजनीति में कूदे नीतीश कुमार
जेडीयू के अध्यक्ष का पदभार संभालते ही नीतीश कुमार खुद को अब नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर प्रोजेक्ट करने में लग गए हैं।
राजगीर। देश में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शख्सियत को लेकर भारतीय जनता पार्टी आश्वस्त है कि अगले लोकसभा चुनाव में भी वह बाजी मारेगी, वहीं उनको टक्कर देने की महत्वाकांक्षा पाले नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी के दौरान केंद्र की राजनीति में कूदने के स्पष्ट संकेत दिए हैं।
जेडीयू के नेताओं ने उनको भविष्य के प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया है। बिहार चुनाव में भी पीएम नरेंद्र मोदी से नीतीश कुमार का एक तरह से मुकाबला हुआ था।
Read Also: BRICS सम्मेलन में इन 7 बातों को हासिल करने से चूके मोदी
राजगीर में नीतीश कुमार की ताजपोशी
जेडीयू अध्यक्ष के तौर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ताजपोशी के लिए राजगीर में नेताओं और कार्यकर्ताओं के दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। दोनों दिन नीतीश कुमार को भविष्य का पीएम बताने में जेडीयू के नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
पहली बार नीतीश हुए राष्ट्रीय नेता के तौर पर प्रोजेक्ट
यह पहली बार है जब नीतीश कुमार को जेडीयू के नेताओं ने राष्ट्रीय स्तर के नेता के रूप में खुलकर प्रोजेक्ट किया।
पार्टी प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में काम करके दिखाया है और बिगड़े हुए सामाजिक माहौल में देश उनकी तरफ देख रहा है।
नीतीश ने भी दिए केंद्र की राजनीति में कूदने के संकेत
नीतीश कुमार ने खुद को पीएम और देश के नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किए जाने पर खुलकर तो कुछ नहीं कहा लेकिन ढके-छुपे शब्दों में उन्होंने एक तरह से इस पर मुहर लगाई।
नीतीश ने कहा कि बिहार के सीएम की ड्यूटी करने से जो समय बचेगा, उसमें वह दूसरे राज्यों पर भी ध्यान देंगे। उन्होंने कहा, 'गधे के ऊपर जो भी भार लाद दिया जाता है, वह उसके ढो लेता है। मैं तो मेहनत करनेवाला आदमी हूं, दिनभर में 15 घंटे काम करता हूं। जिस दिन काम नहीं रहता है, उस दिन अच्छा नहीं लगता है।'
बाबूलाल मरांडी को चीफ गेस्ट बनाने का मकसद
भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर झारखंड विकास मोर्चा बनाने वाले कद्दावर नेता बाबूलाल मरांडी चीफ गेस्ट के तौर पर जेडीयू शिविर में मौजूद थे। उनको शिविर में बुलाकर जेडीयू ने यह जताया है कि केंद्र की राजनीति में भाजपा के एनडीए गठबंधन के विकल्प के तौर पर नीतीश कुमार के नेतृत्व में नए गठबंधन की तैयारी की जा रही है।
शराबबंदी को भुनाने में लगे नीतीश कुमार
बिहार चुनाव में नीतीश कुमार ने जब शराबबंदी लागू करने की घोषणा की थी तो उनको भारी संख्या में महिला वोटरों का समर्थन मिला था। अब नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी इस उपलब्धि को भुनाने में लगे हैं।
उन्होंने शिविर में भाषण देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को वहां शराबबंदी लागू करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश यादव ऐसा करेंगे तो वह बिना किसी का सपोर्ट लिए चुनाव जीत जाएंगे।
नीतीश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शराबबंदी लागू करने पर वह अखिलेश यादव को समर्थन देंगे। इसके साथ ही उन्होंने मुलायम सिंह यादव की आलोचना भी की और अखिलेश को परिवार की छत्रछाया से निकलकर चुनाव जीतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बिना रिस्क लिए कुछ नहीं मिलता। राजनीतिक लक्ष्य पाने के लिए साहसिक कदम उठाने पड़ते हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी सरकार प्रचार के बल पर केंद्र में सतारूढ़ हुई है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि शराबबंदी के पॉजिटीव एजेंडे के साथ राष्ट्रीय स्तर पर अभी की सरकार का विकल्प तलाशा जा सकता है।
सर्जिकल स्ट्राइक के राजनीतिकरण का विरोध
नीतीश कुमार ने अपने भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उनको यह सुनिश्चित करना चाहिए देश में कोई भी पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश न करे।
नीतीश की विकास पुरुष, धर्मनिरपेक्ष और मोदी-विरोधी छवि
बिहार में नीतीश कुमार विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। जब 2014 में नरेंद्र मोदी को भाजपा ने पीएम पद का उम्मीदवार बनाया था तो सांप्रदायिकता के मुद्दे को लेकर नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था।
पिछले बिहार चुनाव में नीतीश कुमार का मुकाबला करने के लिए भाजपा ने मोदी लहर की सवारी करने की कोशिश की और बुरी तरह असफल रही। वह चुनाव नीतीश बनाम मोदी जैसा हो गया था।
अब राष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए नीतीश कुमार ने कमर कस ली है।
Read Also: भारत की इस परमाणु पनडुब्बी की जद में आएंगे इस्लामाबाद और कराची!