तेजस्वी यादव पर निर्णायक मोड़ पर पहुंचे नीतीश कुमार, कांग्रेस से साधा संपर्क
तेजस्वी यादव के मुद्दे के समाधान को लेकर नीतीश कुमार निर्णायक दौर में, कांग्रेस के साथ भी साधा संपर्क
नई दिल्ली। बिहार में राजनीतिक उठापटक का दौर लगातार जारी है, जिस तरह से तेजस्वी यादव ने तमाम आरोपों के बाद लगातार दबाव के बीच इस्तीफा देने से इनकार किया है, माना जा रहा है कि उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नए सिरे से इस मुद्दे को सुलझाने में जुटे हैं। राष्ट्रपति चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कांग्रेस का रुख किया है।
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कांग्रेस के संपर्क में नीतीश
सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार की पार्टी जदयू इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के भी संपर्क में है, ताकि इसका हल निकाला जा सके। मौजूदा समय में बिहार कांग्रेस, जदयू और आरजेडी की गठबंधन सरकार है। लेकिन जिस तरह से इस पूरे प्रकरण में लालू की पार्टी जनता दल ने नरम रुख अपनाने से इनकार किया है उसने स्थिति को और भी पेंचीदा बना दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार तेजस्वी कुमार को उपमुख्यमंत्री के पद से बर्खास्त कर सकते हैं।
विधानसभा सत्र में शर्मिंदगी से बचने की कोशिश
अगले हफ्ते शुरू बिहार विधानसभा के सत्र से पहले नीतीश कुमार इस मुद्दे को हल करना चाहते हैं, ताकि मानसून सत्र में उनकी पार्टी को किसी भी तरह की शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़े। सूत्रों की मानें तो 28 जुलाई से बिहार विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, लिहाजा नीतीश कुमार यह कतई नहीं चाहते हैं कि सत्र के दौरान पार्टी को तेजस्वी यादव को लेकर शर्मिंदगी का सामना करना पड़े।
महागठबंधन का एकजुट होना बड़ी चुनौती
माना जा रहा था कि इस पूरे विवाद का समाधान निकालने के लिए नीतीश कुमार राष्ट्रपति के चुनाव के खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। जदयू ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन किया था, जबकि उनके सहयोगी दलों ने मीरा कुमार की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। सूत्रों की मानें तो बिहार में महागठबंधन के तीनो सहयोगियों के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वह यह कि तेजस्वी यादव के मुद्दे पर तीनों दल एकमत होकर अपनी राय रखें।
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गठबंधन के टूटने का ठीकरा नहीं लेना चाहते नीतीश
महागठबंधन को तोड़ने के लिए नीतीश कुमार को खुद को वजह नहीं बनने देना चाहते हैं। जदयू के सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार ने इस विवाद को खत्म करने की पूरी कोशिश की, उन्होंने आरजेडी को तेजस्वीर यादव के इस्तीफे के लिए मनाने की पूरी कोशिश की, ऐसे में अगर तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देते हैं तो यह राजनीति में उनके खुद के हित को दर्शाता है।
तेजस्वी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए
हालांकि राजद में एक तबका ऐसा भी है जो तेजस्वी यादव के इस्तीफे के खिलाफ है, इनका मानना है कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को अपनी कैबिनेट में नहीं रखना चाहते हैं तो उन्हें तेजस्वी को बर्खास्त कर देना चाहिए। राजद के सूत्र का कहना है कि तेजस्वी यादव को एक शहीद की तरह से पार्टी से बाहर जाना चाहिए, लेकिन नीतीश कुमार इस तरह की स्थिति से बचना चाहते हैं।
भाजपा दर्शक की मुद्रा में
बिहार के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर भाजपा दर्शक की मुद्रा में है और वह इस बात का इंतजार कर रही है कि किसी तरह का फैसला हो। ज्यादातर भाजपा नेताओं का मानना है कि यह महागठबंधन नहीं टूटेगा। भाजपा के नेता का कहना है कि इनकी दोस्ती एवं दुश्मनी का पता नहीं रहता, कब अलग हो जाएं, कब साथ हो जाए।