नीतीश ने बढ़ाई विपक्ष की मुश्किल, आज कर सकते हैं कोविंद को समर्थन का ऐलान
नीतीश कुमार के तेवर ने बढ़ाई विपक्ष की मुश्किल, आज कर सकते हैं रामनाथ कोविंद के समर्थन की घोषणा
नई दिल्ली। देश के अगले राष्ट्रपति के तौर पर जिस तरह से एनडीए ने रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, उसके बाद तमाम विपक्षी दलों में तकरार शुरु हो गई है। एक तरफ जहां कुछ दल विपक्ष की ओर से उम्मीदवार को आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कई दल एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कर रहे हैं। इस कड़ी में जदयू नेता नीतीश कुमार ने भी इशारा किया है कि वह भी रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दे सकते हैं।
नीतीश कुमार के रुख को देखते हुए कांग्रेस और कई विपक्षी दलों की मुश्किल बढ़ गई है। कांग्रेस नीतीश कुमार को यह बात समझाने की कोशिश कर रही है कि वह विपक्ष के साथ एकजुट रहे ताकि मौजूदा सरकार के खिलाफ अपनी एकजुटता को दिखाया जा सके। लेकिन जिस तरह से रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा होने के बाद नीतीश कुमार ने उनसे मुलाकात की और उन्हें बेहतर इंसान बताया माना जा रहा है कि वह उन्हें अपना समर्थन दे सकते हैं। सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से यह बात कही है कि रामनाथ कोविंद एक बेहतर इंसान हैं।
सूत्रों की मानें तो आज होने वाली पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार ऐलान कर सकते हैं कि वह रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दे सकते हैं, नीतीश कुमार तकरीबन यह मन बना चुके हैं कि वह रामनाथ के खिलाफ नहीं जाएंगे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि पिछली बार राष्ट्रपति के चुनाव में भी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने कांग्रेस के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी को अपना समर्थन दिया था। यहां गौर करने वाली बात है कि बिहार में कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू के गठबंधन की सरकार है।
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पढ़ें-
राष्ट्रपति
उम्मीदवार
रामनाथ
कोविंद
के
खिलाफ
भाजपा
के
अंदर
से
उठी
पहली
आवाज
कांग्रेस
के
सामने
जो
बड़ी
मुश्किल
है
कि
अगर
रामनाथ
कोविंद
को
तमाम
विपक्षी
दल
अपना
समर्थन
देते
है
तो
विपक्ष
की
एकता
पर
बड़ा
सवाल
खड़ा
होगा
और
जिस
तरह
की
विचारधारा
के
लिए
रामनाथ
जाने
जाते
हैं
वह
कांग्रेस
की
उम्मीदों
पर
पानी
फेर
सकता
है।
हालांकि
लालू
प्रसाद
यादव
और
शरद
यादव
नीतीश
को
मनाने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं।
राज्यसभा
में
विपक्ष
के
नेता
गुलाम
नबी
आजाद
रमजान
के
एक
कार्यक्रम
में
हिस्सा
लेने
के
लिए
पटना
पहुंचे
हैं।
इश
कार्यक्रम
में
नीतीश
भी
हिस्सा
ले
सकते
हैं,
ऐसे
में
वह
उन्हें
इस
बात
के
लिए
मना
सकते
हैं
कि
रामनाथ
कोविंद
को
अपना
समर्थन
नहीं
दें।