NGT ने प्रदूषण पर 4 राज्यों के पर्यावरण सचिवों को भेजा समन
जिन चार राज्यों के पर्यावरण सचिवों को समन भेजा है वो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान शामिल हैं।
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने चार राज्यों के पर्यावरण सचिवों को समन भेजा है और कहा है कि वह एग्रिकल्चरल अवशेष और प्रदूषण कंट्रोल की एक रिपोर्ट 8 नवंबर तक दें।
जिन चार राज्यों के पर्यावरण सचिवों को समन भेजा है वो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान हैं। एनजीटी ने दिल्ली से यह भी कहा है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण बहुत अधिक होने का कारण आस-पास के राज्यों में फसलें जलने से नहीं हो रहा है।
इस तरह एनजीटी ने दिल्ली सरकार को अप्रत्यक्ष रूप से यह साफ कर दिया है कि दिल्ली में प्रदूषण का कारण गाड़ियां और अन्य कारण हैं, जिन पर रोक लगाना अनिवार्य है।
NGT summons the Environment Secretary of the four states (Punjab, Haryana, Delhi and Rajasthan) over pollution increase in the region.
— ANI (@ANI_news) November 4, 2016
NGT asks Environment Secys of 4 states to submit a report on burning of agricultural residues and pollution control to the tribunal by Nov 8
— ANI (@ANI_news) November 4, 2016
NGT tells Delhi Govt that high air pollution in Delhi is not only due to crop burning in neighbouring States.
— ANI (@ANI_news) November 4, 2016
पर्यावरण मंत्री एएन झा ने कहा है कि फसलों को जलाने और गाड़ियों की वजह से होने वाले प्रदूषण पर हमने चर्चा की है। सात ही इसकी रोकथाम के लिए जरूरी कदम भी उठाए गए हैं। प्रदूषण को कंट्रोल करने के उद्देश्य से केन्द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड एनसीआर में चल रही 17 इंडस्ट्रीज का भी दौरा करेगा।
Discussed issues related to crop burning and pollution caused due to vehicles; also steps that could be taken to curb it: AN Jha, Env Secy pic.twitter.com/igev7c0RS8
— ANI (@ANI_news) November 4, 2016
Central Pollution Control Board will also visit 17 industries in NCR area to keep check on pollution caused by them: AN Jha,Environment Secy pic.twitter.com/B4QQCuV7on
— ANI (@ANI_news) November 4, 2016
17 सालों में सबसे ज्यादा खराब हुई दिल्ली की हवा
दिल्ली के कई स्कूलों में छुट्टी
दिल्ली और गुरुग्राम में श्रीराम स्कूल की सभी कक्षाएं शुक्रवार और सोमवार को बंद रहेंगी, सिर्फ 10वीं और 12वीं की कक्षाएं चलेंगी। यह कदम प्रदूषण बढ़ने की वजह से उठाया गया है।
प्रदूषण मामले पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री एएम दवे ने कहा कि यह हर साल होता है। हमें इस स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा। इस मुद्दे पर हम मंत्रियों से बात करके एक रोड मैप तैयार करेंगे।
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खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
दिवाली के अगले दिन ही पटाखे जलाए जाने के चलते धुएं से प्रदूषण रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। पटाखों से हुए प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिला।
दिवाली की अगली सुबह जब लोग सड़कों पर निकले तो मौसम में धुंध छाई हुई थी। आपको बता दें कि दिल्ली में इस बार प्रदूषण की मात्रा पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा दर्ज की गई है।
मास्क पहनकर निकलने की सलाह
डॉक्टरों ने लोगों को कुछ दिन मुंह पर मास्क पहनने की सलाह दी है। हवा की गुणवत्ता और मौसम का आकलन करने वाली सरकारी संस्था SAFAR के मुताबिक दिवाली पर आतिशबाजी के चलते दिल्ली में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर 507 तक पहुंच गया, जबकि पीएम 10 का स्तर 511 तक रहा। यह बेहद खतरनाक स्तर है। SAFAR मुताबिक नोएडा में पीएम 2.5 का स्तर 450 रहा, जबकि पीएम 10 का स्तर 493 रहा।
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क्या है पीएम 2.5 और पीएम 10
हवा की गुणवत्ता मापने के लिए पर्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 और पीएम 10 का प्रयोग किया जाता है। अगर हवा में पीएम का स्तर 400 से ज्यादा पाया जाता है तो मानव जीवन के लिए यह बेहद खतरनाक साबित होता है।
गौरतलब है कि दिवाली से एक हफ्ते पहले ही प्रदूषण मापने वाली संस्थाएं सीपीसीबी (CPCB) और सफर (SAFAR) ने हवा में प्रदूषण के स्तर को मापा तो यह 318 था। 300 से ऊपर की एयर क्वालिटी बेहद खराब मानी जाती है।