पर्यावरण मंत्री बोले- 80 फीसदी प्रदूषण के लिए दिल्ली जिम्मेदार, बाकी के लिए आसपास के राज्य
एनजीटी ने पूछा है कि प्रदूषण से निपटने के लिए आपने अब तक क्या कदम उठाए हैं?
नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्री अनिल दवे के नेतृत्व में दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बैठक की जा रही है। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार, केन्द्र, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सरकार को फटकार लगाई है।
एनजीटी ने पूछा है कि प्रदूषण से निपटने के लिए आपने अब तक क्या कदम उठाए हैं? सड़कों पर उड़ती धूल से निपटने के लिए पानी का छिड़काव क्यों नहीं किया गया? हेलिकॉप्टर से पानी का छिड़काव किए जाने के प्रस्ताव का क्या हुआ?
एनजीटी ने फटकारते हुए कहा- जो लोग एनजीटी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ आपने क्या कार्रवाई की? पंजाबी की 70 फीसदी जमीन फसल जलाने के काम में आती है, इसके लिए दिल्ली सरकार ने क्या किया है?
यह भी पूछा गया है कि क्या यह आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि प्रदूषण की रोकथाम की जाए? नगर निगम क्या कर रहा है? उनसे साफ-सफाई के लिए मशीनों का इस्तेमाल करने के लिए पहले भी कहा गया है।
बैठक के बाद क्या बोले पर्यावरण मंत्री
बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने कहा कि एक दूसरे पर आरोप लगाने के बजाए इसे रोकने के लिए अहम कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए 80 फीसदी दिल्ली जिम्मेदार है, जबकि बाकी के 20 फीसदी के लिए आस पास के राज्य जिम्मेदार हैं।
Meeting chaired by Environment Minister Anil Dave underway over the rise in pollution levels in Delhi #DelhiSmog pic.twitter.com/1FUKIjO73C
— ANI (@ANI_news) November 7, 2016
"What have you done till now to curb pollution," asks NGT to Centre, Delhi, Haryana, Rajasthan and Punjab Govt. #DelhiSmog
— ANI (@ANI_news) November 7, 2016
#DelhiSmog NGT slams Delhi Govt, Centre, Punjab, Haryana and Rajasthan Govt over rise in pollution levels matter.
— ANI (@ANI_news) November 7, 2016
NGT asks, "Why haven't you started sprinkling water on roads to reduce dust?What happened to proposal of sprinkling water using helicopters?
— ANI (@ANI_news) November 7, 2016
"What action have you taken against those violating NGT orders? 70% land in Punjab is used for crop burning,what is Delhi Govt doing?: NGT
— ANI (@ANI_news) November 7, 2016
Isn't it your responsibility to curb pollution? What is Nagar Nigam doing, they were asked to use machines for cleaning purposes earlier-NGT
— ANI (@ANI_news) November 7, 2016
खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
दिवाली के अगले दिन ही पटाखे जलाए जाने के चलते धुएं से प्रदूषण रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। पटाखों से हुए प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिला।
दिवाली की अगली सुबह जब लोग सड़कों पर निकले तो मौसम में धुंध छाई हुई थी। आपको बता दें कि दिल्ली में इस बार प्रदूषण की मात्रा पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा दर्ज की गई है।
मास्क पहनकर निकलने की सलाह
डॉक्टरों ने लोगों को कुछ दिन मुंह पर मास्क पहनने की सलाह दी है। हवा की गुणवत्ता और मौसम का आकलन करने वाली सरकारी संस्था SAFAR के मुताबिक दिवाली पर आतिशबाजी के चलते दिल्ली में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर 507 तक पहुंच गया, जबकि पीएम 10 का स्तर 511 तक रहा। यह बेहद खतरनाक स्तर है। SAFAR मुताबिक नोएडा में पीएम 2.5 का स्तर 450 रहा, जबकि पीएम 10 का स्तर 493 रहा।
क्या है पीएम 2.5 और पीएम 10
हवा की गुणवत्ता मापने के लिए पर्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 और पीएम 10 का प्रयोग किया जाता है। अगर हवा में पीएम का स्तर 400 से ज्यादा पाया जाता है तो मानव जीवन के लिए यह बेहद खतरनाक साबित होता है।
गौरतलब है कि दिवाली से एक हफ्ते पहले ही प्रदूषण मापने वाली संस्थाएं सीपीसीबी (CPCB) और सफर (SAFAR) ने हवा में प्रदूषण के स्तर को मापा तो यह 318 था। 300 से ऊपर की एयर क्वालिटी बेहद खराब मानी जाती है।