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कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति, वेंकैया नायडू का नाम सबसे आगे

देश के अगले उपराष्ट्रपति पद के लिए शुरु तलाश, जानिए कौन उम्मीदवार हैं इस रेस में सबसे आगे।

By Ankur
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नई दिल्ली। तारीखों के ऐलान के साथ ही देश में अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू का नाम इस रेस में सबसे आगे चल रहा है। मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी अपना दो बार का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं, लिहाजा उनकी जगह पर देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन हो इसपर मंथन शुरु हो गया है।

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अगस्त में खत्म हो रहा है हामिद अंसारी का कार्यकाल

अगस्त में खत्म हो रहा है हामिद अंसारी का कार्यकाल

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल अगस्त में पूरा हो रहा है। एक तरफ जहां भाजपा देश के अगले राष्ट्रपति की तलाश में जोर-शोर से जुटी है तो अब उपराष्ट्रपति के नाम को लेकर भी विचार मंथन शुरु हो चुका है। अभी तक के घटनाक्रम पर नजर डालें तो राष्ट्रपति पद के लिए झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुरमू का नाम लगभग तय है। लेकिन उपराष्ट्रपति पद के लिए कई ऐसे नामों पर चर्चा हो रही है जो हामिद अंसारी की जगह ले सकते हैं।

भाजपा की ही पसंद का होगा अगला उपराष्ट्रपति

भाजपा की ही पसंद का होगा अगला उपराष्ट्रपति

आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं और दोनों ही सदनों के सदस्य मिलकर उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए जो नाम सबसे आगे चल रहा है वह हुकुमदेव नारायण, वेंकैया नायडू का है। लोकसभा में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है और राज्यसभा में भी उसके पास पर्याप्त संख्या है लिहाजा पार्टी को अपनी पसंद का उपराष्ट्रपति चुनने में कोई मुश्किल नहीं होगी। आइए डालते हैं एक नजर कौन है उपराष्ट्रपति की रेस में

हुकुमदेव नारायण यादव

हुकुमदेव नारायण यादव

हुकुमदेव नारायण इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं, हामिद अंसारी का कार्यकाल पहले ही एकबार आगे बढ़ाया जा चुका है, ऐसे में भाजपा अंसारी को एक और कार्यकाल देने के मूड में नहीं दिख रही है। हुकुमदेव भाजपा के सांसद है और वह पूर्व में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं, वह बिहार के मधुबनी से चुनकर आए हैं। वह ओबीसी वर्ग से आते हैं, ऐसे में भाजपा इस वर्ग को खुस करने के लिए भी उनका नाम आगे कर सकती है। लगातार जिस तरह से भाजपा पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगता है, ऐसे में हुकुमदेव को उपराष्ट्रपति चुनना पार्टी के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।

बयानों को लेकर रहते हैं चर्चा में

बयानों को लेकर रहते हैं चर्चा में

हुकुमदेव यादव को उनके बयानों के लिए जाना जाता है, जिस तरह से वह लोकसभा में अपनी बात को रखते हैं उसे लेकर वह अक्सर चर्चा में रहते हैं। वह पीएम मोदी के प्रशंसक हैं और कई मौकों पर वह पार्टी पर लगे आरोपों का बचाव करते भी देखे गए हैं। यादव ने 1993 में भाजपा का दामन थामा था और वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। वह कृषि मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय और जहाजरानी मंत्रालय का जिम्मा संभाल चुके हैं।

वेंकैया नायडू

वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति पद की रेस में वेंकैया नायडू का नाम सबसे आगे चल रहा है, हालांकि पार्टी बहुत ज्यादा इस बात के पक्ष में नहीं है कि उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया जाए, लेकिन पार्टी के भीतर के कुछ दिग्गज नेताओं का मानना है कि उन्हें उपराष्ट्रपति बनाए जाने से पार्टी को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में फायदा मिल सकता है। हाल के दिनों में अमित शाह ने हैदराबाद और तेलंगाना में कई ताबड़तोड़ दौरे किए हैं और पार्टी ने संकेत दिए हैं कि वह आंध्र प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ सकती है।

एससी जमीर

एससी जमीर

सेनायंबा चुबातोशी जमीर, जिन्हें एससी जमीर के नाम से जाना जाता है, वह मौजूदा समय में ओडिशा के राज्यपाल हैं। वह पूर्वोत्तर भारत से आते हैं। जमीर कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। कई भाजपा नेता इनके समर्थन में हैं, वह उन चुनिंदा नामों में से हैं जिन्हें मौजूदा सरकार ने राज्यपाल के पद से नहीं हटाया है। इनके अलावा ईएसएल नरसिंम्हन, मिजोरम के एलजी निर्भय शर्मा म ऐसे नाम हैं जिनको लेकर उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर चर्चा हुई।

ईएसएल नरसिम्हन

ईएसएल नरसिम्हन

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल नरसिम्हन को मोदी सरकार ने हटाया नहीं और वह अभी भी इस पद पर बने हुए हैं। इन्हें 23 जनवरी 2010 में प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था, तबसे वह आजक प्रदेश के राज्यपाल बने हुए हैं। आंध्र प्रदेश के अलावा वह तेलंगाना के भी राज्यपाल हैं, जिसका निर्माण 2 जून 2014 को हुआ था। नरसिम्हन 2006 तक आईबी के अध्यक्ष थे, वह आंध्र प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। जिसके बाद 2007 में उन्हें छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाया गया था। वह 1981-84 तक मास्को में भारतीय दूतावास में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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English summary
There are several names that are being discussed by the BJP who could replace Ansari who completes a second term.
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