राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के रामनाथ कोविंद के खिलाफ विपक्ष लगाएगा इन पर दांव!
नई दिल्ली। कल यानी सोमवार को भाजपा की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया गया है। भाजपा ने दलित चेहरे रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर उतारा है। वहीं दूसरी ओर, विपक्ष ने यह साफ कर दिया है कि रामनाथ कोविंद का चुनाव आम सहमति से नहीं होगा। इसका मतलब है कि विपक्ष अपना उम्मीदावर भी मैदान में उतारने के लिए तैयार है और 17 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा।
मीरा कुमार के नाम पर भी विचार
जहां एक ओर भाजपा ने एक दलित चेहरे को राष्ट्रपति पद के लिए चुना है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष भी कुछ ऐसी ही रणनीति बना रहा है। विपक्ष भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर को या फिर पूर्व स्पीकर मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतार सकता है। रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा के बाद से ही नीतीश कुमार और नवीन पटनायक दोनों ने ही कहा है कि वह समर्थन देंगे। अगर बीजेडी और जेडीयू दोनों ने ही कोविंद के पक्ष में वोट दे दिया तो विपक्ष के लिए यह नामुमकिन हो जाएगा कि वह अपने प्रत्याशी को जितवा सके।
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शिवसेना भी होगी साथ
विपक्ष में अधिकतर लोगों का मानना है कि उनकी तरफ से प्रकाश अंबेडकर को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर उतारा जाना चाहिए, न कि मीरा कुमार को। उनका मानना है कि अगर प्रकाश अंबेडकर को रेस में उतारा जाता है तो नीतीश कुमार और पटनायक का उन्हें समर्थन मिल सकता है। वहीं यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि इससे शिवसेना की तरफ से भी उन्हें वोट मिल सकता है। जब प्रतिभा पाटिल को यूपीए उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया था, तब शिवसेना ने भाजपा का विरोध करते हुए उन्हें वोट दे दिया था।
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मिलेगा बसपा का समर्थन
अगर प्रकाश अंबेडकर का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुना जाता है तो हो सकता है कि बसपा भी उनके पक्ष में वोट कर दे। मायावती ने कहा है कि वह कोविंद को अपना समर्थन दे रही हैं। उन्होंने कहा है कि वह कोविंद के खिलाफ सिर्फ उसी स्थिति में वोट करेंगी, जब विपक्ष भी कोई दलित चेहरा उतारे।
कौन हैं प्रकाश अंबेडकर
प्रकाश अंबेडकर का जन्म 10 मई 1954 को हुआ था, जो भीमराव अंबेडकर के पोते हैं। वह एक स्थानीय राजनीतिक दल भारिपा बहुजन महासंघ के लीडर हैं। वह 13वीं लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के अकोला से दो बार लोक सभा में अपनी जगह बनाई है। उन्होंने राज्यसभा में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उनके छोटे भाई आनंदराज अंबेडकर भी एक पॉलीटीशियन हैं।