नये साल में हड़ताल ही हड़ताल, सरकार परेशान
नई
दिल्ली(
विवेक
शुक्ला)
नूतन
वर्ष
केन्द्र
सरकार
के
लिए
सिरदर्द
साबित
हो
सकता
है।नए
साल
के
आगाज
के
साथ
ही
कोयला
क्षेत्र,
बैंकिंग
सेक्टर,
ऊर्जा
क्षेत्र
वगैरह
अपनी
मांगों
को
लेकर
हड़ताल
करेगा।
अगर
सरकार
और
श्रमिक
संगठनों
के
बीच
कोई
समझौता
नहीं
होता
तो
हालात
बिगड़ेंगे।
इन हड़तालों की घोषणा से सरकार परेशान है। जानकारों ने बताया कि कोयला क्षेत्र में आगामी 6 से 11 जनवरी तक हड़ताल से देश में बिजली संकट गहरा सकता है।
कोयला सेक्टर
इसके बाद 7, 21, 22, 23, 24 जनवरी को बैंकों में फिर से हड़ताल रहेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।
टेलीकॉम कंपनियों की हड़ताल
अब बात फरवरी की। सरकार की टेलीकॉम कंपनियां हड़ताल पर रहने वाली हैं। हाल ही में राजधानी में सेंट्रल ट्रेड यूनियन की बैठक हुई। इसमें 11 मजदूर संगठनों ने तय किया कि सेक्टर वार हड़ताल करके सरकार पर दबाव बढ़ाया जाएगा।
इसी प्रकार, इलेक्ट्रिसिटी के लिए बनाए जाने वाले नए कानून को लेकर भी मजदूर संगठन खुश नहीं हैं। जनवरी में पूरा ऊर्जा क्षेत्र विरोध प्रदर्शन करेगा, जिसमें ऑयल सेक्टर भी शामिल रहेगा।
जानकारों का कहना है कि सरकार की तरफ से इन हड़तालों को रोकने की कवायद शुरू भी हो गई है। सरकार की तरफ से पूरी कोशिश रहेगी कि हड़ताल ना हों।