मानहानि के मामले में मिल सकती है राहुल गांधी को राहत
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उन पर चल रहे मानहानि के मामले में राहत मिल सकती है।
बुधवार को राहुल गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को हत्यारा नहीं कहा था, बल्कि सिर्फ उससे जुड़े हुए व्यक्ति के लिए कहा था।
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सर्वोच्च न्यायालय में राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराए गए मानहानि के मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश दीपक मिश्रा और आर.एस. नरिमन ने कहा कि यदि शिकायतकर्ता इस बात से सहमत होगा इससे याचिका का निपट जाएगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट में राहुल ने दिया है हलफनामा
बेंच ने यह बात भी नोट किया कि राहुल गांधी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है कि उनके खिलाफ मानहानि का मामला रद्द कर दिया जाए।
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हलफनामे में राहुल की ओर से कहा गया है कि एक चुनावी रैली के दौरान उन्होंने एक संस्था के तौर संघ को गांधी की हत्या का आरोप नहीं लगाया था बल्कि उससे जुडे़ व्यक्ति के लिए कहा था।
1 सितंबर को होगी सुनवाई
बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर को करने के लिए कहा है। बेंच ने शिकायतकर्ता के वकील यू.आर.ललित से कहा कि वे यह बताएं कि यदि राहुल गांधी का बयान ऑन रिकॉर्ड लिया जाए तो क्या शिकायतकर्ता इस मामले को खत्म करने को तैयार है।
वहीं राहुल गांधी की ओर से मौजूद अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर किए गए हलफनामे की ओर कोर्ट का ध्यान आकर्षित कराया।
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ये है मामला
करीब डेढ़ घंटे मामले की सुनवाई करने के बाद बेंच ने कहा जहां तक हम समझ प रहे हैं अभियुक्त ने कभी संघ पर एक संस्था के तौर पर कभी महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरोपित नहीं किया बल्कि एक व्यक्ति के लिए कहा था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में संघ के स्वयंसेवक राजेश कुंटे ने आरोप लगाया था कि 6 मार्च को हुई चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि आरएसएस ने गांधी की हत्या की।