48 घंटे से कश्मीर के नौगाम सेक्टर में जारी मुठभेड़, तीन जवान शहीद और चार आतंकी ढेर
48 घंटे से जम्मू कश्मीर के नौगाम सेक्टर में जारी है मुठभेड़। अब तक तीन सैनिक हो चुके हैं शहीद और चार आतंकी ढेर। रक्षा मंत्री अरुण जेटली के एलओसी पर दौरे के कुछ ही घंटों बाद आतंकियों ने बोला हमला।
नौगाम। शनिवार से एलओसी पर स्थित नौगाम सेक्टर में आतंकियों के साथ सेना की मुठभेड़ जारी है। इस मुठभेड़ में अब तक चार आतंकी ढेर हो चुके हैं तो वहीं तीन जवान भी शहीद हो गए हैं। शनिवार से शुरू हुई इस मुठभेड़ को अब 48 घंटे से भी ज्यादा हो चुके हैं। एलओसी पर मौजूद आतंकियों के पास भारी हथियार हैं और वे लगातार हमला जारी रखे हैं।
शनिवार सुबह से जारी एनकाउंटर
नौगाम नॉर्थ कश्मीर के कुपवाड़ा में आता है और यह एनकाउंटर शनिवार को उस समय शुरू हुआ था जब सेना ने घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को एलओसी पर नाकाम किया था। शनिवार तड़के यह एनकाउंटर शुरू हुआ था और सेना की ओर से तत्काल आतंकियों को जवाब दिया गया। भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी थी। श्रीनगर में मौजूद रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया की ओर से जानकारी दी गई है, 'चार आतंकियों को अब तक मार गिराया गया है और तीन सैनिक भी शहीद हो चुके हैं। चार हथियारों और युद्ध से जुड़े दूसरे सामान को भी आतंकियों के पास से बरामद किया गया है।' ऑपरेशन अभी तक जारी है और सुरक्षा बल एलओसी के पास स्थित इस इलाके को आतंकियों से आजाद कराने में लगे हैं। कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि इलाके में सैनिटाइजेशन ऑपरेशन अभी तक जारी है।
आतंकियों को दिया जाएगा जवाब
पुंछ की कृष्णा घाटी में हुई घटना के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी घुसपैठ कोशिश थी जिसे सेना ने नाकाम कर दिया है। आपको बता दें कि पाकिस्तान आर्मी की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) ने एक मई को सीजफायर वॉयलेशन की आड़ में दो भारतीय जवानों का सिर कलम कर दिया था। घुसपैठ की इस कोशिश को उस समय अंजाम दिया गया है जब रक्षा मंत्री अरुण जेटली की ओर से कहा गया था कि सैनिक इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि सीमा के दूसरी तरफ से होने वाली घुसपैठ की किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि आतंकियों की ओर से घुसपैठ की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि वर्ष 2016 में घुसपैठ में तीन गुना इजाफा हुआ है। वर्ष 2015 में जहां घुसपैठ की 121 घटनाएं हुई थीं तो वहीं 2016 में यह आंकड़ा बढ़कर 364 तक हो गया था।
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