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नरेंद्र मोदी के 'क्लास टेस्ट' की सीख, संसदीय किताबों को भगवद् गीता समझें सांसद
पढ़ें- काश ऐसा ना करता DU
सुपर क्लास में नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा के लिए नव निर्वाचित 195 सांसदों को सार्वजनिक जीवन में अच्छे आचरण और सुशासन के संदेश को जनता तक पंहुचाने के गुर बताए। आइए विस्तार से समझें कि किन-किन बिन्दुओं पर दिया गया विशेष ज़ोर-
- अपने चुनाव क्षेत्र में जनहित के काम करें। पार्टी के संदेशों को आम जनता तक पंहुचाने के लिए मीडिया, खासकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें।
-
संसदीय
प्रक्रियाओं
संबंधी
पुस्तक
को
भगवत
गीता
की
तरह
लें
व
सदन
के
पीठासीन
सभापति
की
अनुमति
के
बिना
कुछ
न
करें।
- अच्छी संसदीय पद्धतियों और अच्छे सार्वजनिक जीवन को जिएं।
- यदि कोई भी समस्या हो तो सीधे मुझसे संपर्क करें व मीडिया से चर्चा करने में समय बिताने की जगह जनता से संवाद करें।
- सभी सांसद अपने लिए कोई एक विषय चुनें और उस पर अध्ययन करें।
- भ्रष्टाचार और अहंकार से दूरी बनाएंं हमें सरकार के अच्छे कामों की सूचना जनता तक पहुंचानी है।
- सांसद राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहें।
- क्षेत्र के विकास पर ध्यान दें, ट्रेनिंग की कोई खबर लीक ना करें।
- सांसद होना महत्वपूर्ण बात है, लोगों की अपेक्षाएं आपसे जुड़ी होती हैं। सदन में बल्कि सदन के बाहर भी आपके व्यवहार पर सबकी नजर रहती है।
- मिशन और विजन के साथ काम करें।
English summary
Narendra Modi taught to be social and near to public their party mates
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