दक्षेस सम्मेलन से ठोस नतीजे की उम्मीद : मोदी
नई दिल्ली। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के 18वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए नेपाल रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन से दक्षेस के आठों देशों के बीच संपर्क से जुड़ी परियोजना को लेकर ठोस नतीजे सामने आएंगे।
काठमांडू रवाना होने से पहले मोदी ने अपने बयान में कहा कि वह दो-दिवसीय शिखर बैठक के इतर दक्षिण एशियाई देशों के साथ वार्ता करने और नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला के साथ द्विपक्षीय संबंध की प्रगति की समीक्षा करने को लेकर उत्सुक हैं।
मोदी ने कहा कि वह हालांकि पहली बार दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं, लेकिन दक्षेस के नेताओं से उनकी पहले ही विस्तृत वार्ता हुई, जब वे 26 मई को उनके शपथ-ग्रहण समारोह में आए थे।
उन्होंने कहा, "पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंध की प्रगति मेरी सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।"दक्षेस का 18वां शिखर सम्मेलन 'डीपर रीजनल इंटेगरेशन फॉर पीस एंड प्रोस्पेरिटी' विषय पर आधारित है।
मोदी ने कहा, "भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रों के हर स्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में क्षेत्रीय समन्वय के महत्व पर जोर दिया है। हमने द्विपक्षीय, उप-क्षेत्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर इस संबंध में कई पहल किए हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे।"
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि इस शिखर सम्मेलन का ठोस नतीजा निकलेगा, विशेषकर संपर्क को बढ़ावा देने वाले विभिन्न प्रयासों को लेकर, जिस पर लंबे समय से बातचीत चल रही है।"
मोदी ने कहा कि छह महीने में यह उनकी दूसरी नेपाल यात्रा होगी, जो इस महत्व को दर्शाती है कि हम नेपाल के साथ अपने संबंधों को कितना तवज्जो देते हैं।
उन्होंने कहा, "अगस्त 2014 में मेरी यात्रा के दौरान की गई वार्ता के क्रियान्वयन को लेकर विशेष प्रगति हुई है। मैं प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और अन्य नेपाली नेताओं के साथ द्विपक्षीय संबंध की प्रगति की समीक्षा का इंतजार कर रहा हूं।"
मोदी ने अगस्त में नेपाल गए थे। द्विपक्षीय संबंधों के तहत पिछले 17 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।