मिशन 2019: 20 फीसदी गरीबों के लिए पीएम मोदी की 'सुपरस्कीम', जानें खास बातें
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ा दांव खेलने की तैयारी में हैं। मोदी सरकार देश के गरीबों को ध्यान में रखते हुए खास यूनिवर्सल सिक्योरिटी स्कीम लाने पर विचार कर रही है। इस योजना का सीधा फायदा निचले तबके गरीबों को होगा। मोदी सरकार की ये बेहद महत्वाकांक्षी योजना है जिसके जरिए देश के सभी नागरिकों को व्यापक सुरक्षा के दायरे में लाने की कवायद की जा रही है। श्रम मंत्रालय इस खास योजना का पूरा प्लान तैयार कर रहा है। श्रम मंत्रालय से पूरी स्कीम बनाई जाने के बाद इसे वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष से वित्त मंत्रालय इस योजना को अमलीजामा पहनाने का ऐलान कर सकती है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार की ये योजना मोदी सरकार के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। जानिए, इस योजना से जुड़ी खास बातें...
गरीबों के लिए पीएम मोदी का महा'प्लान
मोदी सरकार की यूनिवर्सल सिक्योरिटी स्कीम का फायदा सीधे तौर पर देश की 20 फीसदी गरीब आबादी को होगा। साथ ही सरकार इस योजना में सभी नागरिकों को भी शामिल करने का प्लान बना रही है। श्रम मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव पर गौर करें तो इस स्कीम में तीन कैटेगरी होंगी। पहली कैटेगरी सबसे ज्यादा गरीब लोगों की होगी जिनका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। दूसरी कैटेगरी में ऐसे गरीब होंगे, जिन्हें अपना खर्च खुद उठाना होगा। तीसरी कैटेगरी उन लोगों की होगी, जिन्हें अपनी सैलरी का तय हिस्सा इस स्कीम के लिए देना होगा।
लेबर मिनिस्ट्री ने तैयार किया ड्राफ्ट
लेबर मिनिस्ट्री के ड्राफ्ट के मुताबिक स्कीम दो लेवल में होगी। पहले में अनिवार्य पेंशन, इंश्योरेंस (मृत्यु और विकलांगता) और मातृत्व कवरेज होगा और दूसरा स्वैच्छिक चिकित्सा, बीमारी और बेरोजगारी कवरेज होगा। जानकारी के मुताबिक इस स्कीम के तहत फंड अलग-अलग तरह से संग्रहित किए जाएंगे। सरकार को उम्मीद है कि ये योजना लोगों को पसंद आएगी।
सरकार ला रही 1.2 लाख करोड़ की यूनिवर्सल सिक्योरिटी स्कीम
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यूनिवर्सल सिक्योरिटी स्कीम के तहत जमा की जाने वाली रकम को सब-स्कीमों में बांटा जाएगा और योगदान के हिसाब से लाभ तय करके उनको सुरक्षित बनाया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि ये योजना लोगों को पसंद आएगी। नई पॉलिसी को चार कोड में एक सोशल सिक्यॉरिटी कोड का हिस्सा होगी, जिन्हें फिलहाल श्रम मंत्रालय अंतिम रूप देने में जुटा है।
अगले वित्त वर्ष में लाई जा सकती है ये खास स्कीम
सरकार की ये योजना देश में लागू सोशल सिक्योरिटी कवरेज के कानूनों के दायरे में आने वाली 17 मौजूदा स्कीमों की जगह लेगी। हालांकि इस योजना के लिए मोदी सरकार को फंड जुटाना थोड़ा मुश्किल जरूर होगा, लेकिन सरकार किसी भी कीमत में इस योजना से पीछे नहीं हटेगी। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना का सीधा फायदा उन्हें मिलेगा और 2019 के चुनाव में ये खास योजना उनके लिए गेंमचेंजर साबित होगी।
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