मोदी इफेक्ट, योग को लेकर बदले सरकारी बाबू
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब बदल रहा है। अब वह योग से जुड़े प्रोजेक्ट पर गंभीर लगता है। इस बदलाव की वजह? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। उनकी योग को लेकर आस्था को भांपते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने योग से जुड़े प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखानी शुरू दी है। बताते चलें कि पिछले दिनों श्री मोदी द्वारा योग दिवस मनाने की अपील का स्वागत करते हुए 130 देशों ने उनका समर्थन किया था।
मोदी मिले योग गुरुओं से
मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही योग को बढ़ावा देने के लिए गायत्री परिवार द्वारा संचालित देव संस्कृति विश्व विद्लाय के आला पदाधिकारियो और विवेकानंद योग संस्थान बेंगलुरू के तत्कालीन अध्यक्ष डा. प्रणव पांडया एवं पतंजलि योग पीठ के प्रमुख बाबा रामदेव वगैरह से बात भी की ताकि देश में योग का तगड़ा विकास-विस्तार हो।
योग का योगदान
जानकारों का कहना है कि योग गुरुओं से प्रधानमंत्री को यह समझ में आ गया है कि देश में योग को गति देने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं हो रहे। पर अब इस बाबत विलंब मंजूर नहीं होगा सरकार को। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुख्याल निर्माण भवन में योग को बढ़ावा देने के लिए अब कई तरह के फैसले लिए गए है।
योग गुरुओं से आग्रह
जानकारों ने बताया कि उन योग गुरुओं से अपने प्रोजेक्ट मंत्रालय में फिर से देने के लिए कहा जा रहा है,जिन्हें पहले रिजेक्ट कर दिया गया था। यानी कुल मिलाकर देश में योग को लेकर सकारात्मक माहौल कायम किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार के सत्तासीन होने से पहले योग को लेकर सरकारी उदासीनता साफ थी। बीते दस सालों में योग से जुड़े 14 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए। बाकी सब खारिज कर दिए गए थे। जानकार मानते हैं कि मोदी के सख्त रुख के कारण अब स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को समझ आ गया है कि अब पहले की तरह से काम करने से बात नहीं बनेगी।