Exclusive: अल-कायदा से जुड़े भारत के मुस्लिम टाइगर्स
बेंगलुरु। हेडलाइन पढ़कर आप चौंक जरूर गये होंगे और आपको लिट्टे यानी श्रीलंका के तमिल टाइगर याद आ गये होंगे। लिट्टे की तर्ज पर ही भारत में एक संगठन है, जो 1996 से सक्रिय है, लेकिन अब यह संगठन अल-कायदा से जुड़ गया है। संगठन का नाम है मुस्लिम यूनाइटेड लिबरेशन टाइगर्स। [नार्थ ईस्ट में आतंक का जाल बिछा चुका है पाकिस्तान]
मुस्लिम यूनाइटेड लिबरेशन टाइगर्स यानी मुलटा असम के ही संगठन मुस्लिम यूनाइटेड लिबरेशन फोरम ऑफ असम से निकल कर आया है। इसका मकसद इस्लामिक टेरर की जड़ों को असम में मजबूत करने का है।
नार्थ ईस्ट में जब-जब हिंसा भड़कती है, तब तब इसकी भूमिका बड़ी होती है। हालांकि कागजों पर इस संगठन का मकसद असम के मुसलमानों का उत्थान करना है। इस संगठन का गठन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से हुआ था। और आज पाकिस्तान इसी संगठन की मदद से असम में आतंकवाद की जड़ें मजबूत करने का काम कर रहा है।
अल-कायदा से कनेक्शन
इस संगठन के चीफ का नाम अब्दुर रहमान है और वो इस वक्त पाकिस्तान में है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार आईएसआई ने रहमान की मुलाकात अलकायदा के चीफ से मुलाकात करवायी है। [बेंगलुरु, हैदराबाद की आईटी कंपनियों में काम कर रहे ISIS के जिहादी]
अल-कायदा को रहमान जैसे लोगों की जरूरत भी है, क्योंकि अफगानिस्तान में आईएसआईएस ने अपनी इकाई अल खोरासां को लॉन्च कर दिया है। ऐसे में अल-कायदा भारत और बांग्लादेश के अंदर पनप चुके आतंकी संगठनों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में है।