सिर्फ एक लाठी के सहारे कैसे तुकाराम ओंबले ने जिंदा पकड़ा कसाब को
मुंबई पुलिस में सहायक इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले ने जिंदा पकड़ा था अजमल कसाब को। इंडियन आर्मी के साथ भी काम कर चुके थे ओंबले।
मुंबई। जब-जब मुंबई आतंकी हमलों का जिक्र होता है तब-तब अजमल कसाब का भी जिक्र होता है। कसाब उन आतंकी हमलों को अकेला ऐसा पाकिस्तानी आतंकी था जिसे जिंदा पकड़ा गया था। कसाब को जिंदा पकड़ा था मुंबई पुलिस में बतौर सहायक इंस्पेक्टर तैनात रहे तुकाराम ओंबले ने।
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10 बजे मिली थी जानकारी
ओंबले ने 26 नवंबर यानी हमले वाली रात को ही कसाब को जिंदा पकड़ लिया था। मुंबई की डीबी मार्ग पुलिस को करीब 10 बजे सूचना मिली की दो आतंकी जिनके पास भारी हथियार हैं, उन्होंने सीएसटी में यात्रियों को भूना डाला है।
15 पुलिसवालों को डीबी मार्ग से चौपाटी की ओर मरीन ड्राइव पर बैरीकेडिंग करने के लिए भेजा गया। आतंकी जिस गाड़ी में सवार थे वह अपने बैरीकेडिंग से 40 से 50 फीट पहले ही रुक गई और इसने यू-टर्न ले लिया।
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मरने का नाटक कर रहा था कसाब
पुलिस की ओर से हुई फायरिंग में एक आतंकी मारा गया और कसाब नाटक करने लगा कि वह मर गया है। उस समय तुकाराम ओम्बले के पास सिर्फ एक लाठी थी और कसाब के पास एक एके-47 थी।
ओंबले ने कसाब की बंदूक की बैरल पकड़ ली थी। उसी समय कसाब ने ट्रिगर दबा दिया और गोलियां ओंबले के पेट और आंत में लगीं।
ओंबले वहीं गिर गए लेकिन उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक बैरल को थामे रखा था ताकि कसाब और गोलियां न चलाने पाए।
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ओंबले को लगी थीं पांच गोलियां
कसाब ने उन पर पांच गोलियां दागीं थीं। ओंबले उसी पल शहीद हो गए। उनकी वजह से ही पुलिस कसाब को जिंदा पकड़ सकी और उस पर केस चलाया जा सका।
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भारत सरकार की ओर से ओंबले को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। कसाब के जिंदा पकड़े जाने की वजह से ही हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा की साजिश सामने आई और पाक को हाफिज सईद जैसे लोगों पर केस चलाना पड़ा।