25 बैंकों से 2600 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले मास्टरमाइंड को ईडी ने गिरफ्तार किया
प्रवर्तन निदेशालय ने 25 बैंकों से 2600 करोड़ रुपए के लोन की धोखाधड़ी करने के आरोप में जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विजय चौधरी को गिरफ्तार किया है।
मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय ने 25 बैंकों से 2600 करोड़ रुपए के लोन की धोखाधड़ी करने के आरोप में जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विजय चौधरी को गिरफ्तार किया है। टीओआई की खबर के मुताबिक देश में बैंक धोखाधड़ी का यह सबसे बड़ा मामला बताया जा रहा है। ईडी को इस आरोपी व्यक्ति की काफी समय से तलाश थी।
सहयोगियों के नाम से 485 कंपनियां खोली हुई
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि हमने मंगलवार देर रात प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत मुंबई में विजय एम चौधरी को गिरफ्तार किया है, जो जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक है। ईडी का आरोप है कि विजय चौधरी ने अपने या अपने सहयोगियों के नाम से 485 कंपनियां खोली हुई हैं। इस पूरे मामले में उसे ही मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
130 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त
ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर विजय चौधरी पर पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है। ईडी का आरोप है कि विजय चौधरी ने कथित तौर पर अपने या अपने सहयोगियों के नाम से 485 कंपनियां खोल रखी हैं और उसे इस जालसाजी मामले का मास्टरमाइंड बताया गया है। प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से इस मामले में अभी तक 130 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है।
13 मई तक पूछताछ के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया
ईडी ने विजय चौधरी को मुंबई से लाकर इंदौर की अदालत में पेश किया गया, जहां एक विशेष अदालत ने उसे 13 मई तक पूछताछ के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। विशेष न्यायाधीश कमल जोशी ने करीब तीन घंटे तक दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद ईडी का आग्रह स्वीकार करते हुए जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विजय चौधरी को 13 मई की दोपहर 12 बजे तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है। विजय चौधरी को अदालत का समय खत्म होने से पहले तकरीबन शाम पांच बजे विशेष न्यायाधीश के सामने पेश किया गया था।
चौधरी मामले में वर्ष 2013 से फरार
विशेष न्यायाधीश कमल जोशी ने निजी कंपनी के निदेशक को पूछताछ के लिये ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश रात आठ बजे के आसपास सुनाया। इसके तुरंत बाद चौधरी की ओर से अर्जी पेश करते हुए गुहार की गई कि अदालत को इस आशय का आदेश देना चाहिए कि आरोपी से ईडी अधिकारियों की पूछताछ के वक्त उसका वकील उसके पास मौजूद रहे। अब इस अर्जी पर सुनवाई के लिए चार मई की तारीख तय की गई है। अदालत में बहस के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की अधिवक्ता सोनाली बडे ने कहा कि चौधरी मामले में वर्ष 2013 से फरार है। भारतीय बैंकों को करोड़ों रुपए का चूना लगाने के गोरखधंधे को उसी के इशारे पर फर्जी कंपनियों के जरिए अंजाम दिया गया है।
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